वाराणसी: इस बार शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में रखी गई खीर में नहीं होगी अमृत वर्षा!, जानिये कारण...

वाराणसी। इस बार 29 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में रखी गई खीर में अमृत वर्षा नहीं होगी। यानी कि छत पर खीर रखने का कोई खगोलीय फायदा नहीं मिलेगा। चंद्रमा की 16 कलाएं खीर में आयुर्वेदिक गुणों को बढ़ा देती हैं। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा। क्योंकि, शरद पूनम की इस चांदनी रात को इन सभी 16 कलाओं पर 79 मिनट का चंद्रग्रहण होगा और शास्त्रों का मानना है कि इसी समय पूर्णिमा की आधी रात को अमृत की वर्षा होती है।
यह साल का पहला और अंतिम खंडग्रास चंद्रग्रहण है। खंडग्रास यानी कि आंशिक ग्रहण। 29 अक्टूबर की रात यह चंद्रग्रहण लगेगा। विद्वानों का मत है कि चंद्रमा इस बार भी शरद पूर्णिमा पर 16 कलाओं से लैस होगा, लेकिन उसका औषधीय गुण इस बार खीर में नहीं मिलेगा। शरद पूनम की रात चांद राहू का ग्रास बन जाएगा। साथ ही, 28 अक्टूबर को शाम से सूतक काल की शुरुआत हो रही है। 9 साल बाद शरद पूर्णिमा पर सूतक का प्रभाव देखा जा रहा है।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के ज्योतिषाचार्य प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, खीर को पूनम की रात का फायदा नहीं मिल पाएगा। इन खगोलीय स्थितियों की टाइमिंग समझने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि खीर को पूनम की रात नसीब ही नहीं होगी। क्योंकि, शरद पूर्णिमा 29 अक्टूबर को रात केवल 2 बजकर 1 मिनट तक ही रहेगी। जबकि, चंद्रग्रहण रात में 2 बजकर 24 मिनट तक लगा रहेगा।
ऐसे में जब तक चंद्रमा 16 कलाओं से लैस होगा, तब तक चंद्रग्रहण ही लगा रहेगा। वहीं, खीर रखने का सबसे ज्यादा फायदा 29 अक्टूबर की रात को ही मिलेगा, क्योंकि पूर्णिमा की अर्द्ध रात्रि के दौरान ही अमृत वर्षा होती है।
डेट और टाइम के आधार पर समझें, खगोलीय स्थितियां
• 28 अक्टूबर के तड़के सुबह 3 बजकर 47 मिनट पर पूर्णिमा तिथि शुरू होकर 29 अक्टूबर की रात 2 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। यानी कि पूर्णिमा की टाइमिंग कुल 22 घंटे 14 मिनट की होगी।
• 28 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 5 मिनट पर सूतक काल शुरू हो जाएगा। इसके बाद पूर्णिमा व्रतियों को फलाहार वर्जित होगा। कोई शुभ काम नहीं किया जा सकता।
• चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर की रात 1 बजकर 5 मिनट पर लगेगा। जबकि, ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाएगा।
• चंद्रग्रहण का मध्य काल 1 बजकर 44 मिनट पर होगा। यानी कि इस टाइम पर चंद्रमा और पृथ्वी बिल्कुल बराबरी पर होंगे।
• शरद पूर्णिमा का काल 29 अक्टूबर को रात केवल 2 बजकर 1 मिनट पर खत्म हो जाएगा।
• मोक्ष यानी कि चंद्रग्रहण की समाप्ति रात में 2 बजकर 24 मिनट पर हो जाएगी।
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