Kanpur News: परीक्षण में खरी उतरी ट्रांसगंगा सिटी पुल की डीपीआर; अगले हफ्ते यूपीसीडा बोर्ड बैठक में बजट को दी जाएगी मंजूरी

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Published By Nitesh Mishra
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शासन की तीन सदस्यीय कमेटी ने किया था परीक्षण

कानपुर, अमृत विचार। ट्रांसगंगा सिटी को वीआईपी रोड से जोड़ने के लिए प्रस्तावित वाई आकार के पुल की डीपीआर शासन द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के परीक्षण में खरी उतरी है। उप्र सेतु निर्माण निगम ने उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी को जो डीपीआर सौंपी थी उसमें पुल के निर्माण की लागत 799 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 

इस लागत का परीक्षण पहले सीडीओ की अध्यक्षता वाली समिति को करना था। हालांकि इतने बड़े प्रोजेक्ट के परीक्षण का अधिकार सीडीओ को नहीं था ऐसे में शासन द्वारा गठित कमेटी ने उसे परखा और यह पाया कि प्रोजेक्ट सही बना है। सेतु निगम के दो महाप्रबंधक और पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता इस कमेटी में में थे। यह पुल साढ़े 12- साढ़े 12 मीटर चौड़ा होगा।

लखनऊ के लिए अभी गंगा बैराज, शुक्लागंज या जाजमऊ के रास्ते जाना होता है। शुक्लागंज और जाजमऊ पुल पर लगने वाला जाम बड़ी मुसीबत बनता है। इस समस्या के समाधान के लिए ही पहले सरसैया घाट पर पुल बनाने की योजना बनी थी। हालांकि वहां संभावित जाम को देखते हुए तय किया गया कि पुल भैरोघाट के पास बनेगा। पहले 538 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार हुआ था। 

इसे उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण बोर्ड में मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि बाद में तय हुआ कि वाई आकार का पुल बनेगा तो बजट बढ़ गया। अब यह पुल ट्रांसगंगा सिटी की तरफ से फोर लेन शुरू होगा और गंगा में आकर इसका आकार वाई हो जाएगा। दो लेन धोबी घाट और दो लेन भैरव घाट पर उतरेगा। अगले हफ्ते प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

एस्टीमेट पर उठे थे सवाल

शुरुआती दौर में तय हुआ कि इसकी लागत 652 करोड़ रुपये आएगी। बाद में हाई लेवल कमेटी की बैठक में 726 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बना और उसे मंजूरी भी दी गई। लेकिन विस्तृत परीक्षण में लागत 799 करोड़ रुपये आंकी गई। 

सेतु निगम द्वारा दी गई रिपोर्ट पर प्राधिकरण के मुख्य अभियंता निर्माण संदीप चंद्रा ने आपत्ति जताई और विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। बाद में सेतु निगम की रिपोर्ट पर वे सहमत हुए। तय हुआ कि सीडीओ की अध्यक्षता वाली कमेटी की मंजूरी के बाद इसे बोर्ड में रखा जाएगा। हालांकि तकनीकी कारणों से सीडीओ की कमेटी परीक्षण नहीं कर सकती थी इसलिए शासन की कमेटी ने इसका परीक्षण किया।  

इस तरह होगी डिजाइन

पुल ट्रांसगंगा सिटी की तरफ से शुरू होगा तो यह चार लेन का होगा, लेकिन गंगा में आकर इसका आकार वाई हो जाएगा। लखनऊ की ओर से आने वाले वाहन धोबी घाट पर आकर उतरेंगे और भैरवघाट मार्ग होते हुए खलासी लाइन मार्ग रेव-3 के समीप एमराल्ड मार्ग होते हुए शहर में आएंगे। जबकि शहर से ट्रांसगंगा सिटी, उन्नाव, लखनऊ की ओर जाने के लिए रानी घाट होते हुए पुल पर चढ़ेंगे। लोग रानी घाट पर भैरवघाट मंदिर व जलकल के पंप हाउस के मध्य से होते हुए पुल पर जाएंगे।  

शासन से लिया जाएगा बजट

भारी भरकम बजट वाले इस प्रोजेक्ट के लिए धनराशि शासन से ली जाएगी। हालांकि तय किया गया है कि शासन से बजट मिलने से पहले ही प्राधिकरण अपने खाते से पुल का निर्माण शुरू करा देगा ताकि समय से इसका निर्माण हो सके।

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