BRI conference: पुतिन समेत 20 राष्ट्रों के प्रमुख नेता होंगे शामिल, जानिए चीन से क्या हैं उम्मीदें

बीजिंग। चीन अपनी 10 साल पुरानी बेल्ट एंड रोड परियोजना के सिलसिले में एक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें कम से कम 20 राष्ट्रों के प्रमुख हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में जिन देशों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है, उनमें दक्षिण पूर्वी, दक्षिण एशियाई, पश्चिम एशियाई, अफ्रीकी और लातिन अमेरिकी देश शामिल हैं। बीजिंग में 17-18 अक्टूबर को आयोजित इस सम्मेलन में शामिल होने वाले नेताओं में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज शामिल हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को बीजिंग पहुंचे। यूक्रेन युद्ध के सिलसिले में मार्च में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने पुतिन के खिलाफ वारंट जारी किया था, जिसके बाद से पूर्व सोवियत संघ के किसी देश के बाहर पुतिन की यह पहली यात्रा है। पुतिन की यह यात्रा यूक्रेन में जारी युद्ध के बाद अलग-थलग पड़े रूस के लिए चीन के आर्थिक और कूटनीतिक समर्थन को रेखांकित करती है। अपनी यात्रा से पहले चीनी सरकारी मीडिया को दिए साक्षात्कार में पुतिन ने बीआरआई परियोजनाओं को वैश्विक क्षेत्र में चीन की "सहयोग की इच्छा" के रूप में वर्णित किया।
हालांकि अमेरिका इस परियोजना को छोटे देशों के लिए "कर्ज का जाल” कहता रहा है। यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय संघ से व्यापार बंद होने के बाद रूस एशिया में व्यापार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। रूसी सरकार के अनुसार, वर्ष की पहली छमाही में चीन-रूस व्यापार में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई और इस वर्ष 200 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक व्यापार होने की उम्मीद है। चीन के साथ संयुक्त बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मामले में रूस की प्राथमिकताओं में से एक ‘पावर ऑफ साइबेरिया -2’ पाइपलाइन का निर्माण करना है, जिससे रूस मंगोलिया के रास्ते चीन को अधिक प्राकृतिक गैस बेचना चाहता है। श्रीलंका और जाम्बिया उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने चीन और अन्य अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं को अपना कर्ज नहीं चुकाया है। देश के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बढ़ती महंगाई और गंभीर आर्थिक संकट के विरोध के बीच जुलाई 2022 में पद छोड़ दिया था।
श्रीलंका ने राजमार्गों, एक बंदरगाह, एक हवाई अड्डे और एक कोयला बिजली संयंत्र के निर्माण के लिए चीनी वित्त का उपयोग किया था, जिससे उस पर सात अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज हो गया था। चीन का कर्ज चुकाने के अपने प्रयासों के तहत, श्रीलंका ने उसे एक रणनीतिक बंदरगाह का नियंत्रण सौंप दिया। बीआरआई के आलोचक इस घटना को चीन की "ऋण जाल" कूटनीति की मिसाल के तौर पर पेश करते हैं। पिछले साल पदभार संभालने वाले श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे चीन की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के तहत सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं। उम्मीद है कि वह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
अफ्रीका में बीआरआई परियोजनाओं में से शामिल एक प्रमुख परियोजना मोम्बासा-नैरोबी रेलवे लाइन है, जो 592 किलोमीटर (368 मील) तक फैली हुई है। यह केन्या के सबसे बड़े बंदरगाह मोम्बासा को राजधानी नैरोबी से जोड़ती है। 2017 में इस परियोजना की शुरुआत होने पर चीन ने कहा था कि इससे केन्या की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन रेलवे के दूसरे खंड पर काम पड़ोसी देश युगांडा के पीछे हटने और इसके बजाय तुर्की की एक कंपनी के साथ साझेदारी का विकल्प चुनने के बाद रुक गया। इस योजना के तहत केन्या को युगांडा से जोड़ना था। बेल्ट एंड रोड शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति विलियम रूटो रेलवे के शेष खंड के लिए वित्त पोषण के विकल्प तलाशने के प्रयास करेंगे।
दक्षिण पूर्वी एशिया में, सबसे प्रमुख बीआरआई परियोजनाओं में से एक इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता को बांडुंग के आर्थिक केंद्र से जोड़ने वाली 142 किलोमीटर (88 मील) हाई-स्पीड रेलवे का निर्माण है। इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस महीने की शुरुआत में 7.3 अरब अमेरिकी डॉलर की चीन द्वारा वित्त पोषित परियोजना का उद्घाटन किया था। विडोडो के शी से मिलने और विभिन्न परियोजनाओं में निवेश पर चर्चा करने की उम्मीद है। हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले यूरोपीय संघ में शामिल किसी देश के एकमात्र राष्ट्राध्यक्ष हैं।
हंगरी की मीडिया में पिछले महीने आईँ खबरों में कहा गया था कि बुडापेस्ट को बेलग्रेड से जोड़ने वाली एक चीन समर्थित रेलवे परियोजना में रुकावट आ गई है और चीन वित्तपोषण रोक देगा। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इस महीने की शुरुआत में हंगरी के अपने समकक्ष से कहा था कि परियोजना योजना के अनुसार जारी रहेगी। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज भी मंगलवार को बीजिंग पहुंचे। अर्जेंटीना हाल ही में बीआरआई में शामिल होने वाले देशों में से एक है। वह 2022 में इस परियोजना में शामिल हुआ था। अर्जेंटीना रेलवे, परमाणु ऊर्जा, सौर और जलविद्युत, कृषि और डिजिटल बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में चीन का निवेश चाहता है। अर्जेंटीना ने चीन से 8.3 अरब अमेरिकी डॉलर के नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र को पूरी तरह से वित्तपोषित करने का अनुरोध किया है।
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