AIIMS-दिल्ली और म्यूनिख स्थित विश्वविद्यालय के बीच गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
नई दिल्ली। म्यूनिख स्थित विश्वविद्यालय क्लिनिकम डेर यूनिवर्सिटी म्यूनचेन (एलएमयू क्लिनिकम) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-दिल्ली ने औषधि और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में संभावित सहयोग का पता लगाने के लिए एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
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एम्स ने शनिवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। एम्स के बयान के मुताबिक यह समझौता चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में अनुसंधान, शिक्षा और नवाचार को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भविष्य की सहकारी गतिविधियों के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा। एलएमयू क्लिनिकम और एम्स ने शैक्षणिक और वैज्ञानिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के साझा लक्ष्य के साथ यह साझेदारी शुरू की है।
बयान के मुताबिक दोनों संस्थान स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा अनुसंधान में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं और यह समझौता ज्ञापन एक आशाजनक सहयोग की शुरुआत का प्रतीक है। एम्स-दिल्ली ने बयान में कहा, ‘‘ एलएमयू क्लिनिकम और एम्स-दिल्ली सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों का पता लगाएंगे, जिसमें संयुक्त अनुसंधान पहल, चिकित्सा और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में छात्रों और शिक्षकों को शामिल करने वाला शैक्षिक आदान-प्रदान शामिल है।
इसके अलावा बहु-केंद्र नैदानिक परीक्षण आयोजित करने, डिजिटल चिकित्सा की संभावनाओं को खोजने और चिकित्सा प्रगति के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने की संभावना तलाशना जबकि विशिष्ट अनुसंधान सहयोग को अलग-अलग लिखित समझौतों के माध्यम से औपचारिक रूप दिया जाएगा।
’’ एम्स-दिल्ली के मीडिया प्रकोष्ठ की प्रोफेसर एवं प्रभारी डॉ रीमा डाडा ने कहा, ‘‘इस समझौते से दोनों संस्थानों को लाभ होगा और वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में योगदान मिलेगा।’’
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