रिलायंस ने की पांच वर्षों में 100 सीबीजी संयंत्र लगाने की घोषणा

रिलायंस ने की पांच वर्षों में 100 सीबीजी संयंत्र लगाने की घोषणा

मुंबई। पेट्रो रसायन , रिटेल, दूरसंचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में लगाये गये पहले कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र के परिणामों से उत्साहित होकर अगले पांच वर्षाें में देश में ऐसे 100 संयंत्र लगाने की आज घोषणा की।

कंपनी के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने आज यहां वार्षिक आम बैठक में यह घोषणा करते हुये कहा कि एक साल पहले जैव ऊर्जा के क्षेत्र में उतरने वाली रिलायंस पराली से ईंधन बनाने का काम करती है। इसके लिए रिलायंस ने स्वदेशी तौर पर कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) तकनीक विकसित की है। इस तकनीक का विकास रिलायंस की जामनगर स्थित रिफाइनरी में किया गया। 

उन्होंने कहा “हमने रिकॉर्ड 10 महीने में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में प्लांट लगाया है, हम तेजी से पूरे भारत में 25 प्लांट और लगाएंगे। हमारा लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 100 से अधिक प्लांट लगाने का है। इन प्लांट में 55 लाख टन कृषि-अवशेष और जैविक कचरा खप जाएगा। जिससे लगभग 20 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा और सालाना 25 लाख टन जैविक खाद का उत्पादन होगा।” उल्लेखनीय है कि देश में लगभग 23 करोड़ टन गैर-मवेशी बायोमास (पराली) का उत्पादन होता है और इसका अधिकांश भाग जला दिया जाता है। जिससे वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है। सर्दियों के दौरान राजधानी दिल्ली समेत कई भारतीय शहर पराली जलाने के कारण गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं। 

रिलायंस की इस पहल से वायु प्रदूषण में खासी कमी आने की उम्मीद है। पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी रिलायंस उतरने को तैयार है। पवन चक्कियों के ब्लेड बनाने में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का बड़े पैमाने पर निर्माण कर, कंपनी इन ब्लेड की कीमत कम रखना चाहती है। इसके लिए रिलायंस दुनिया भर की विशेषज्ञ कंपनियों से हाथ मिला रही है। रिलायंस का लक्ष्य 2030 तक कम से कम 100 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का है। 

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