लखनऊ: स्कूल प्रबंधक ने भाई की हत्या के मामले चार के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा

लखनऊ: स्कूल प्रबंधक ने भाई की हत्या के मामले  चार के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा

लखनऊ,अमृत विचार। नगराम थाना क्षेत्र के डोभिया गांव में हॉर्न बजाने पर स्कूली वैन चालक मोहनलालगंज निवासी अखिलेश यादव (45) की हत्या करने के मामले में स्कूल प्रबंधक की ओर से शनिवार को मुख्य आरोपी अजीत के अलावा उसके तीन भाइयों समेत कुल चार लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है। 

हालांकि पुलिस ने घटना के दिन ही अजीत को गिरफ्तार कर लिया था। पर शेष तीन आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। अजीत को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया है। वहीं घटना में प्रयुक्त डंडा व कुल्हाड़ी बरामद कर ली गई है।

विदित हो कि गत शुक्रवार सुबह डोभिया गांव में स्कूली बच्चों को ले जा रहे स्कूल वैन चालक अखिलेश द्वारा हॉर्न बजाने पर अजीत व उसके साथियों द्वारा पीट-पीटकर व कुल्हाड़ी से सिर पर वार करके हत्या कर दी गई थी। मौके पर मौजूद भीड़ ने अजीत को धर दबोचा था और बुरी तरह पीटकर पुलिस के हवाले कर दिया था।

हेल्पर की जगह अखिलेश चला रहा गाड़ी, आरोपियों के उग्र होते ही भाग निकला हेल्पर

मृतक अखिलेश अपने भाई राजेश यादव के यदुराई देवी विश्वनाथ प्रसाद मेमोरियल स्कूल के संचालन में मदद करता था। राजेश ने बताया कि अखिलेश सुबह हेल्पर अवधेश वर्मा के साथ बच्चों को उनके घर से लाने व दोपहर में छोड़ने जाता था। पर शुक्रवार को अवधेश की जगह अखिलेश गाड़ी चला रहा था। डोभिया गांव में हॉर्न बजाने पर जैसे ही लोगों ने अखिलेश को पीटना शुरू किया, अवधेश मौके से भाग गया। राजेश का आरोप है कि आरोपी अजीत के साथ उसके तीन भाई भी हत्या में शामिल हैं।

जिसे पब्लिक ने पकड़ा वही गिरफ्तार, शेष तीन फरार

शुक्रवार को हुई घटना के दौरान जिस एक आरोपी अजीत को पब्लिक ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था अब तक पुलिस सिर्फ उसी एक आरोपी को गिरफ्तार कर सकी है। जबकि घटना के 24 घंटे बाद भी शेष तीन आरोपियों का कुछ पता नहीं चल सका है। इंस्पेक्टर हेमंत राघव ने बताया कि हेल्पर अवधेश का बयान दर्ज नहीं हो सका है। वहीं राजेश यादव की लिखित शिकायत के अनुसार अजीत के अलावा शेष तीन आरोपियों के बारे में पता लगाया जा रहा है।

पुलिस की लापरवाही पर नहीं हुई कार्रवाई

घटना के दौरान पुलिस की भी भारी लापरवाही उजागर हुई है। दरअसल घटना की जानकारी मिलने के करीब दो घंटे बाद घटना स्थल पर दो सिपाही पहुंचे थे। जबकि थाना प्रभारी हेमंत राघव व एसीपी नितिन सिंह करीब पांच घंटे के बाद पहुंचे थे। पर अब तक लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई है।

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