सपा अपनी नीतियों से भटकी हुई है, यह असली समाजवादी नहीं है, बलिया में बोले ब्रजेश पाठक

बलिया। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शनिवार को समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा डीरेल्ड हो गई है। वह अपनी नीतियों से भटकी हुई है। यह असली समाजवादी नहीं है। बलिया जिले के पुलिस परेड ग्राउंड में बलिया बलिदान दिवस के अवसर आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पहुंचकर बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
वहीं परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने अपने वेतन से एक चार पहिया वाहन स्वतंत्रता सेनानी राम विचार पांडेय को तथा 1942 की क्रांति में शहीद 75 सेनानियों के परिजनों को वाहन कंपनियों के सहयोग से 75 इलेक्ट्रिक स्कूटी देकर सम्मानित किया। संवाददाताओं से बातचीत में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी डीरोल्ड है। वह अपनी नीतियों से भटकी हुई है। यह असली समाजवादी नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के लोग गुंडे माफियाओं को पुष्पित पल्लवित करने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने इन्हें हाशिए पर धकेल दिया है। सपा के लोग जब सत्ता में रहे , गुंडई व माफियाओं को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि प्रदेश के लोग इन्हें कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे ।
वहीं बिहार में हुई पत्रकार की गोली मारकर हत्या के सवाल पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं।दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए। उल्लेखनीय है कि भारत की आजादी के 5 वर्ष पहले 19 अगस्त 1942 को बलिया ने अंग्रेजों को खदेड़कर अपने को आजाद घोषित कर दिया था।
बलिया के क्रांतिकारीयों ने जिला कारागार का फाटक खोलकर जेल में बंद सभी क्रांतिकारियों को आजाद करा लिया था व तत्कालीन जिलाधिकारी जे निगम ने शेरे बलिया की उपाधि से सुसज्जित क्रांतिकारी चित्तु पाण्डेय को बलिया की कमान सौंपी थी व उन्हें बलिया का जिलाधिकारी नियुक्त कर दिया था। वहीं क्रांतिकारी राम दहीन ओझा को पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया था।14 दिनों तक बलिया में स्वतंत्र सरकार भी चली जिसके बाद अंग्रेजों ने फिर से बलिया में अपना राज कायम कर लिया।
शनिवार को भी उसी घटना का प्रतीकात्मक रूपांतरण किया गया। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के नेतृत्व में जेल का फाटक खुला व सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व सामाजिक कार्यकर्ता जेल से बाहर निकले व जलूस के रूप में पुलिस परेड ग्राउंड पहुंचकर ये जलूस जनसभा में तब्दील हो गया।
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