नैनीताल: राजधानी में बिना परीक्षण मांस की बिक्री पर याचिका, सरकार से मांगा 24 घंटे में जवाब

विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। राजधानी देहरादून में मटन व चिकन की दुकानों में बिना परीक्षण के बेचे जा रहे मांस को लेकर दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई की। खंडपीठ ने राज्य सरकार से 24 घंटे के भीतर तो नगर निगम व खाद्य सुरक्षा विभाग से छह सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
मामले के अनुसार, विकेश सिंह नेगी ने याचिका में कहा कि देहरादून का एकमात्र स्लॉटर हाउस 4 साल पहले बंद हो चुका है। बिना खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच के दुकानों पर जानवरों का मांस बेचा जा रहा है। जानवरों को कहां काटा जा रहा है और उनका मांस कहां से आ रहा है, इससे नगर निगम व खाद्य सुरक्षा विभाग बेखबर है।
दून में बने बूचड़खाने को वर्ष 2018 में बंद कर दिया गया था, तब से दून में बिना खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच के चिकन व मटन बेचा जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि नगर निगम व खाद्य सुरक्षा विभाग लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
मांस की गुणवत्ता के सवाल पर जब आरटीआई से जानकारी मांगी गई तो खाद्य सुरक्षा विभाग ने कहा कि यह जिम्मेदारी नगर निगम है क्योंकि निगम ही दुकानों का आवंटन करता है व किराया ले रहा है जबकि निगम का कहना है कि इनका लाइसेंस खाद्य सुरक्षा विभाग देता है इसलिए जांच करने की जिम्मेदारी भी इन्ही की है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई कि निगम द्वारा वर्ष 2016 में बनाए गए नियम जिसमें बकरे व चिकन को जांच कर स्लॉटर हाउस में काटने का प्रावधान था, उसे लागू किया जाए।