लखनऊ: ज्ञानवापी पर सीएम योगी के बयान को लेकर बोले स्वामी प्रसाद - मामला विचाराधीन है, इंतजार करना चाहिए
ज्ञानवापी मस्जिद न होता तो मामला कोर्ट में नहीं जाता - स्वामी प्रसाद मौर्य

अमृत विचार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर बयान दिया है। सीएम योगी ने कहा कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहा जाएगा तो विवाद होगा। इसी बयान को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा अगर ज्ञानवापी मस्जिद न होता तो मामला कोर्ट में नहीं जाता। अभी ज्ञानवापी का मामला विचाराधीन है। ऐसे में किसी भी जिम्मेदार पद पर बैठे हुए लोग, मुख्यमंत्री को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार ज्ञानवापी मस्जिद पर सीएम योगी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ज्ञानवापी का मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जब तक उच्च न्यायालय में ये मामला है तब तक इस दौरान ये बात नहीं करनी चाहिए। ऐसे में इस मामले पर कोई भी जिम्मेदार पद पर बैठा नेता, मुख्यमंत्री या किसी को भी ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी उच्च न्यायालय से बड़े नहीं है। इसीलिए उन्हें इंतजार करना चाहिए। साथ ही इस मुद्दे को हाईकोर्ट के निर्णय पर छोड़ देना चाहिए।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक न्यूज एजेंसी के पॉडकास्ट में ज्ञानवापी के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहा जाएगा तो इस पर विवाद होगा। भगवान ने जिसे दृष्टि दी है वो देखे, त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है। ये हमने तो वहां नहीं रखा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर ज्योर्तिलिंग है और देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवार चिल्ला-चिल्ला कर क्या कह कह रही हैं? इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मुस्लिम समाज के तरफ से प्रस्ताव आना चाहिए कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है और उस गलती के लिए हम समाधान चाहते हैं।
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