अंतरिक्ष कार्यक्रम के आत्मनिर्भर होने का लंबा इतिहास, राजनीतिक नेतृत्व का मिला पूरा सहयोग : कांग्रेस

अंतरिक्ष कार्यक्रम के आत्मनिर्भर होने का लंबा इतिहास, राजनीतिक नेतृत्व का मिला पूरा सहयोग : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा शुक्रवार को यहां एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए भारत के तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का प्रक्षेपण किए जाने के बाद कहा कि यह सभी देशवासियों के लिए गर्व का विषय है और वह इसरो के सभी लोगों को सलाम करती है।

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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के आत्मनिर्भर होने का एक लंबा इतिहास रहा है और इस दौरान इसे राजनीतिक नेतृत्व का भरपूर सहयोग मिला है। रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण होना हम सभी भारतीयों के लिए बेहद गर्व और उत्साह का अवसर है। इस अवसर पर हम 22 अक्टूबर, 2008 को चंद्रयान-1 और 22 जुलाई, 2019 को चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण को भी याद करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के आत्मनिर्भर होने का एक लंबा इतिहास रहा है और इस दौरान इसे राजनीतिक नेतृत्व का भरपूर सहयोग मिला है। अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति की स्थापना फरवरी, 1962 में की गई थी। इसके लिए होमी भाभा और विक्रम साराभाई का धन्यवाद। साराभाई ने अगस्त 1969 में इसरो बनाया। यह उनका और बाद में सतीश धवन का विज़न था, जिसने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक विशिष्ट विकासात्मक उद्देश्य दिया।’’

कांग्रेस नेता के अनुसार, ‘‘1972 और 1984 के बीच धवन ने हर तरह से इसरो समुदाय का मार्गदर्शन किया। यू आर राव से शुरू होकर अबतक उनके प्रत्येक उत्तराधिकारी ने साराभाई-धवन की विरासत को आगे बढ़ाया है और महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’’ रमेश ने कहा, ‘‘हम आज पूरे इसरो परिवार को सलाम करते हैं और उनके कार्यों की सराहना करते हैं।’’

इसरो ने शुक्रवार को यहां एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का प्रक्षेपण किया। कल शुरू हुई 25.30 घंटे की उलटी गिनती के अंत में एलवीएम3-एम4 रॉकेट यहां स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे ‘लॉन्च पैड’ से अपराह्न 2.35 बजे निर्धारित समय पर धुएं का घना गुबार छोड़ते हुए शानदार ढंग से आकाश की ओर रवाना हुआ।

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