काशीपुर: PCB की करोड़ों की लैब में टेक्नीशियनों का भारी अभाव, कैसे हो सैंपल जांच

कुंदन बिष्ट, काशीपुर, अमृत विचार। पीसीबी ने नदियों और उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी के सैंपलों की त्वरित जांच हो सके। इसके लिए काशीपुर में करोड़ों की लैब तो तैयार कर दी। लेकिन, इस लैब में टेक्नीशियनों की भारी कमी है, जिससे चलते सैंपलों की जांच में काफी समय लग रहा है। इससे विभाग को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने जिले के उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी और नदियों की मॉनिटरिंग के लिए काशीपुर में कई साल पहले पीसीबी क्षेत्रीय कार्यालय शुरू किया था। लेकिन, इस दौरान काशीपुर में पीसीबी की लैब नहीं होने के चलते उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी और नदियों के पानी के सैंपलों को जांच के लिए हल्द्वानी स्थित पीसीबी की लैब भेजा जाता था।
जिसकी रिपोर्ट आने में लंबा समय लग जाता था, जिससे उद्योगों पर कार्रवाई करने में देरी होती थी। ऐसे में विभाग ने करीब दो साल पहले काशीपुर में ही लैब बनाने की स्वीकृति दी। जिसके बाद काशीपुर में करीब पांच करोड़ की लागत से लैब बनकर तैयार कर दी गई। पानी के सैंपलों की जांच करने की मशीनें भी लैब में आ गई।
लेकिन, अब इन मशीनों को चलाने के लिए पीसीबी के पास पर्याप्त टेक्नीशियनों का अभाव है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि लैब में पांच जूनियर लैब असिस्टेंट (जेएलए) होने चाहिए। लेकिन, वर्तमान में दो ही जेएलए कार्यरत हैं। वहीं, चार जूनियर रिसर्च फेलो (जीआरएस) होने चाहिए। लेकिन, एक ही कार्यरत है। वहीं, अन्य स्टाफ की भी कमी चल रही है। जिसके चलते सैंपलों की जांच करने में लंबा समय लग रहा है।
पीसीबी की लैब बनकर तैयार है। सभी मशीनें भी आ गई हैं। लैब में टेक्नीशियनों की कमी चल रही है। जिसके लिए मुख्यालय को पत्र भेजकर शीघ्र ही टेक्नीशियनों के पद भरने का निवेदन किया गया है।
- नरेश गोस्वामी, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी