मुरादाबाद : रोगियों की सेवा में लगीं एंबुलेंस ‘बीमार’, जिम्मेदार बेफिक्र
अनदेखी! स्वास्थ्य विभाग संग स्कूली वाहनों की भी दुरुस्त नहीं है सेहत, ब्लड परिवहन करने वाला वाहन भी है अनफिट

निर्मल पांडेय,अमृत विचार। जिले के सात हजार से अधिक वाहनों की ‘सेहत’ ठीक नहीं है। गंभीर बात ये है कि इनमें एंबुलेंस व स्कूल वाहन भी शामिल हैं। अनफिट होने के बाद भी यह वाहन मार्गों पर फर्राटा भर रहे हैं। इनसे कब-कहां समस्या खड़ी हो जाए, ये कहना मुश्किल है लेकिन, जिम्मेदार बेफिक्र हैं।
वैसे जिले के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में पंजीकृत एंबुलेंस की कुल संख्या 225 बताई जा रही है, इनमें से 107 एंबुलेंस ‘बीमार’ हैं। इसके बाद भी ये एंबुलेंस रोगियों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा रही हैं। यही हाल स्कूली वाहनों का भी है। एआरटीओ कार्यालय में स्कूली वाहनों की संख्या 834 है। इनमें से 155 स्कूली वाहन अनफिट घोषित हैं। अनफिट वाहन बच्चों को विद्यालय और घर तक छोड़ रहे हैं।
11 वर्षों से अनफिट वाहन कर रहा रक्त परिवहन
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक का रक्त परिवहन वाहन (यूपी 32 बीजी-5395) पिछले 11 वर्षों से अनफिट है। 14 जून 2010 में पंजीकरण के बाद से अब तक इस वाहन में प्रदूषण की जांच ही नहीं कराई गई है। लेकिन, यह वाहन रक्त परिवहन में प्रयोग किया जा रहा है।
बिना पीयूसीसी के दौड़ रही एंबुलेंस
एंबुलेंस (यूपी 32 इजी 4966) की पोल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) की अवधि पूरी हो चुकी है। वैस इसका परिवहन विभाग में पंजीयन सात जून 2022 को हुआ था। चूंकि नियम है कि नए वाहन को अगले एक वर्ष तक के लिए पीयूसीसी से छूट रहती है। ऐसे में इस एंबुलेंस के लिए छह जून 2023 तक पीयूसीसी की जरूरत नहीं थी। लेकिन, अवधि पूरी हुए 16 दिन हो गए पर अभी इस एंबुलेंस का पीयूसीसी नहीं लिया गया है। ऐसे में यदि इसका चालान हो तो 10,000 रुपये का होगा। एंबुलेंस (यूपी 32 ईजी 5086) के पंजीयन के बाद से आज तक पीयूसीसी नहीं बना है।
अनफिट वाहनों की निगरानी एआरटीओ प्रवर्तन करते हैं। अनफिट वाहन सड़क पर चलता पाया जाता है तो उसके सीज करने का प्रावधान है। अनफिट वाहनों की संख्या बढ़ने का कारण ये भी है कि पहले निश्चित अवधि बीतने पर 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब में जुर्माना लगता था। लेकिन, न्यायालय के एक आदेश के बाद सरकार ने जुर्माने के नियम को हटा दिया। लिहाजा, अनफिट वाहन की फिटनेस कभी भी कराई जा सकती है, इसके लिए कोई जुर्माना नहीं है। बशर्ते अनफिट वाहन सड़क पर संचालित होता न मिले। - अजय तिवारी, संभागीय निरीक्षक-प्राविधिक
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