मेलबर्न में बार-बार क्यों महसूस हो रहे हैं भूकंप के झटके
मेलबर्न। बीती रात स्थानीय समयानुसार रात 11 बज कर 41 मिनट पर ग्रेटर मेलबर्न क्षेत्र भूकंप से कांप गया । सीस्मोलॉजिकल रिसर्च सेंटर के अनुसार, भूकंप का केंद्र सीबीडी से करीब 30 किलोमीटर उत्तर में सनबरी के निकट था। जियोसाइंस ऑस्ट्रेलिया को अब तक लोगों से भूकंप को लेकर 25,000 से अधिक रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं, जिन्होंने इसे महसूस किया। सूचना देने वाले कुछ लोग होबार्ट के भी हैं जो भूकंप के केंद्र से करीब 620 किलोमीटर दूर है। सोशल मीडिया पर डाली गई, प्रत्यक्षदर्शियों की सूचना के अनुसार, मेलबर्न क्षेत्र में भूकंप के झटके लगभग 10-20 सेकंड तक महसूस किए गए।
इसके दो मिनट बाद 2.8 तीव्रता का झटका यानी ‘ऑफ्टरशॉक’ आया, जिसके बारे में सनबरी और क्रैगीबर्न के बीच रहने वाले लोगों ने सूचना दी। क्या मेलबर्न में भूकंप अधिक आम होते जा रहे हैं? सितंबर 2021 में, मेलबर्न में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र शहर के पूर्व में स्थित वुड्स पॉइंट में था। इस भूकंप को ब्रिस्बेन और एडिलेड तक महसूस किया गया था। बीती रात आए भूकंप से ठीक दो हफ्ते पहले, 16 मई को मेलबर्न के पूर्व में फर्नट्री गली के पास 2.5 तीव्रता का भूकंप आया था।
जियोसाइंस ऑस्ट्रेलिया के अनुसार, 22 मई को लगभग उसी क्षेत्र में करीब 1,300 लोगों ने 2.0 तीव्रता का एक और भूकंप महसूस किया था। मेलबर्न के कुछ लोगों ने भले ही पिछले दो हफ्तों में दो या तीन बार भूकंप का अनुभव किया है, लेकिन यहां भूकंप अधिक आम नहीं हो रहे हैं। क्षेत्र में कहीं न कहीं एक वर्ष में 10-12 भूकंप महसूस होना अप्रत्याशित नहीं है और न ही यह जरूरी है कि भूकंप नियमित अंतराल पर आएं। भूकंप वैसे भी टेक्टॉनिक प्लेटों के बीच होने वाले घर्षण की वजह से उत्पन्न तनाव के फलस्वरूप आते हैं और ऑस्ट्रेलिया में भी यही हो रहा है। टेक्टॉनिक प्लेटों के बीच घर्षण तब होता है जब विभिन्न प्लेटें आपस में टकराती हैं, या एक दूसरे से अलग होती हैं। घर्षण से उत्पन्न होने वाला तनाव भी प्लेट के मध्य की ओर अपना रास्ता बनाता है।
दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया में, प्रशांत-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट में उत्पन्न होने वाला घर्षण हमारे पूर्व की ओर तेज होता है और यही प्लेट आगे एओटिरोवा न्यूजीलैंड से हो कर गुजरते समय तनाव उत्पन्न करती है। धरती की ऊपरी सतह पर मौजूद ‘कमजोर हिस्सों’ या ‘फॉल्ट’ में यह तनाव भूकंप के रूप में सामने आता है। यही वजह है कि ग्रेटर मेलबर्न क्षेत्र में महीने में लगभग एक बार भूकंप आते ही हैं। हालांकि इनमें से ज्यादातर मामूली होते हैं और महसूस ही नहीं होते, लेकिन इनका असर होता है।
भूकंप की गहराई का असर कंपन पर होता है। अगर भूकंप की तीव्रता अधिक नहीं है तो कंपन भी अधिक नहीं होगा लेकिन भूकंप की तीव्रता अधिक होने पर कंपन अधिक होगा। सनबरी के पास बीती रात 4.0 तीव्रता का भूकंप तीन किलोमीटर की गहराई पर आया था। गहराई अधिक न होने की वजह से कंपन महसूस किया गया और उथली सतह के भूकंप से अधिक नुकसान होने की आशंका होती है। पिछली रात आए भूकंप के कारण मामूली क्षति, जैसे कि प्लास्टर गिरना और दीवारों से तस्वीरें गिर जाना जैसी सूचनाएं मिलीं।
भूकंप के केंद्र के नजदीक रहने वालों को झटका महसूस होने की संभावना होती है। जॉगिंग करते समय अथवा वाहन चलाते समय यह उतना महसूस नहीं होता जितना यह खड़ी अवस्था में महसूस होता है। बीती रात भूकंप की सूचना देने वालों में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सो रहे थे और झटके के कारण, कंपन के कारण उठ गए। अगर दूरस्थ इलाकों में भूकंप आए तो इसे महसूस करने वालों की संख्या नगण्य होती है।
छोटे भूकंप केंद्र के समीप कोई झटका या कंपन नहीं उत्पन्न करते। दिलचस्प बात यह है कि छोटे भूकंप की वजह से हल्के धमाके की आवाज आती है। ऐसा तब होता है जब भूकंपीय तरंगें केंद्र में उत्पन्न होने के बाद सतह पर पहुंचती हैं और ध्वनि तरंगों में बदल जाती हैं। भूकंप के बाद छोटे झटके या ‘ऑफ्टरशॉक’ सामान्य बात है। भूकंप वैज्ञानिक इनकी जांच कर रहे हैं। हो सकता है कि ये छोटे झटके या ‘ऑफ्टरशॉक’ आने वाले कुछ दिन, सप्ताह और महीने तक आएं। कभी बड़े भूकंप भी आ सकते हैं और उस स्थिति में 4.0 तीव्रता को पूर्वाभास माना जाएगा।
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