हाइड्रोपोनिक, वर्टिकल फार्मिंग मशरूम उत्पादन इकाईयों से हजारों किसान होंगे लाभान्वित

कोटा। राजस्थान में हाइड्रोपोनिक, वर्टीकल फार्मिंग मशरूम उत्पादन की मॉडल इकाईयों से हजारों कृषक लाभान्वित होंगे। यह जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्र की 30 वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की वार्षिक बैठक में दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र की कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अभय कुमार व्यास की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में केन्द्र की वर्ष 2022-23 की प्रगति एवं वर्ष 2023-24 की कार्य योजना पर विचार विमर्श किया गया।
डॉ व्यास ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम स्टेक होल्डर्स किसान, महिलाएं, स्टार्टअप उद्यमी, इण्डस्ट्रीज, विद्यार्थियों की मांग एवं फीडबैक के आधार पर बनाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोटा केन्द्र द्वारा किये जा रहे कार्य देश के अन्य केन्द्रों के लिए अनुकरणीय है। केन्द्र पर हाइड्रोपोनिक, वर्टिकल फार्मिंग मशरूम उत्पादन की मॉडल इकाईयों की शीघ्र ही स्थापना की जायेगी जिससे राज्य के हजारों कृषक लाभान्वित होंगे।
किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए समन्वित कृषि प्रणाली को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर समिति के सदस्यों को केन्द्र के फार्म पर मूंग किस्म एमएच 1142, उड़द किस्म 3 एवं 4 के लिये बीज उत्पादन कार्यक्रम का अवलोकन कराया गया।
बैठक में केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा प्राकृतिक खेती पर तैयार किये फोल्डर का विमोचन किया गया। निदेशक प्रसार शिक्षा कृषि विश्वविद्यालय डॉ. एस के जैन ने नर्सरी इकाई में सजावटी पौधे तैयार करने एवं गिर गाय के दूध के सही मूल्य के लिए एक सोसायटी बनाने का सुझाव दिया।
निदेशक अनुसंधान कृषि विश्वविद्यालय डॉ. प्रताप सिंह ने किसानों को और अधिक उच्च उत्पादकता वाली किस्मों के बीज उपलब्ध कराये जाने एवं अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. एमसी जैन ने अधिक से अधिक विद्यार्थियों को केन्द्र का भ्रमण कराये जाने की आवश्यकता बताई।
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