फारूक अब्दुल्ला ने विपक्ष से कहा- अगले लोकसभा चुनाव में मजबूत क्षेत्रीय दलों का करें समर्थन
श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबले के लिए ‘‘एक के खिलाफ एक (संयुक्त उम्मीदवार)’’ को उतारने की रणनीति का विचार देते हुए रविवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दलों को मजबूत क्षेत्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए।
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पचासी वर्षीय अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष की एकता को लेकर आश्वस्त नहीं हूं, लेकिन जहां तक लोकसभा चुनाव का सवाल है, मुझे लगता है कि राज्य अब मायने रखते हैं और सभी विपक्षी दलों को यह समझना चाहिए।’’ उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि यदि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी मजबूत हैं, तो ‘‘तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता के लिए बाधा उत्पन्न करने के बजाय हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अच्छा प्रदर्शन करें।
इसी तरह, बिहार में नीतीश (कुमार की जदयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद), यदि वे अच्छा कर रहे हैं, तो उनके लिए अड़ंगा नहीं खड़ा करें। इसी तरह से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव अच्छा कर रहे हैं, तो हम ऐसी स्थिति उत्पन्न न करें।’’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘और मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक यह है कि यदि आप वास्तव में उन्हें (भाजपा) हराना चाहते हैं, तो एक के मुकाबले एक (संयुक्त उम्मीदवार) होना चाहिए।
जहां कांग्रेस का कोई उम्मीदवार जीत सकता है, वहां दूसरे को खड़ा नहीं करें। जहां दूसरी पार्टी जीत सकती है, तो वहां उस पार्टी को अपना उम्मीदवार खड़ा करने का मौका दें। यह वास्तव में उन्हें उनके खेल में मात देने का एक तरीका है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस दृष्टिकोण का सुझाव विपक्षी नेताओं को दिया है, नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें सोचना चाहिए कि उन्हें क्या करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि वे इस पर विचार करेंगे।’’ पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके और श्रीनगर से मौजूदा लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अतीत में किया गया है। ऐसा नहीं है कि कि केवल वे (भाजपा) ही ऐसा कर रहे हैं। वे इसे दूसरों की तुलना में 100 गुना अधिक कर रहे हैं। लेकिन मुझे उम्मीद है कि भविष्य की सरकारें, इन एजेंसियों का इस्तेमाल सिर्फ विपक्ष को धमकाने के लिए नहीं करेंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने विपक्ष को धमकाने के लिए इन एजेंसियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस देश में विपक्ष जरूरी है।
इसलिए एक लोकतांत्रिक देश में इन एजेंसियों का इस तरह इस्तेमाल करना पूरी तरह से गलत है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए विपक्ष जरूरी है और कहा कि "इसी तरह लोकतंत्र फलेगा-फूलेगा और भारत दुनिया में बहुत मजबूत बनेगा।’’
उन्होंने इसको लेकर भी अफसोस जताया कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 में से 161 वें पायदान पर आ गया है और कहा, ‘‘यह दिखाता है कि हमने प्रेस की स्वतंत्रता को कितना नष्ट कर दिया है....यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। प्रेस आप पर एक लगाम रखता है, और वह लगाम एक लोकतांत्रिक देश के लिए जरूरी है।’’
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