केंद्र के दावे के विपरीत जम्मू कश्मीर में आतंकवाद बढ़ रहा है: दिग्विजय सिंह

उज्जैन (मप्र)। जम्मू क्षेत्र में सेना के वाहन पर हाल ही में हुए हमले का जिक्र करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र के दावे के विपरीत जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के मामले बढ़ रहे हैं।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियां काफी हद तक कश्मीर घाटी तक ही सीमित थीं, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश के जम्मू क्षेत्र के पुंछ जैसे नए क्षेत्रों में अब हिंसक घटनाएं हो रही हैं और यह चिंता का विषय है।
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दिग्विजय सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्र ने दावा किया था कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले, संविधान के अनुच्छेद 370 को 2019 में खत्म करने और इससे पहले 2016 में नोटबंदी के चलते पूर्ववर्ती राज्य में आतंकवाद से लड़ने में मदद मिलेगी लेकिन रक्षा और गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इन उपायों की घोषणा के बाद से आतंकवाद की घटनाएं वास्तव में वहां बढ़ गई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू के हिस्से और आतंकवाद से अब तक मुक्त पुंछ इलाके में एक बड़ा हमला हुआ है। अनंतनाग और पुलवामा (कश्मीर घाटी) में ऐसी घटनाएं होती थीं....अब नए इलाकों में आतंकी हमले होने लगे हैं।’’
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बृहस्पतिवार को एक आतंकी हमले के बाद सेना के वाहन में आग लगने से पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। सेना ने कहा कि जिस वाहन में सैनिक यात्रा कर रहे थे, वह अज्ञात आतंकवादियों के निशाने पर आ गया और ग्रेनेड के संभावित इस्तेमाल के कारण उसमें आग लग गई।
सिंह ने कहा कि पुंछ में बरामद कारतूसों पर चीन के निशान हैं यह नई बात सामने आई है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह इलाका (जम्मू का पुंछ) एक तरीके से शांत था लेकिन वहां भी अब यह आतंकवादी घटना हुई है और सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बात यह है कि जो उसके कारतूस मिले हैं उनमें चीन का निशान है।
यह एक नई बात सामने आई है कि चीन की तरफ से भी इस प्रकार से आतंकवादी गतिविधियों को भारत में प्रश्रय दिया जा रहा है। लेकिन ऐसा किनके माध्यम से हो रहा है?’’ राज्यसभा सांसद ने कहा कि जम्मू एक शांतिपूर्ण जगह है और वहां आतंकी हमला परेशान करने वाला है।
सिंह ने कहा, ‘‘ पिछले तीन वर्षों में जम्मू कश्मीर में 1,033 हमले हुए और 177 जवान शहीद हुए। 2019 में 594 हमले, 2020 में 244 हमले....., इस तरह से आतंकवादी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और हमारे जवानों के शहीद होने की संख्या भी बढ़ती जा रही है।’’
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