इंडियनऑयल, अडाणी-टोटल, शेल ने रिलायंस केजी-डी6 से गैस ली, आईओसी शीर्ष बोलीदाता
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), अडाणी-टोटल गैस लिमिटेड और शेल सहित 29 कंपनियों ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. और बीपी के केजी-डी6 ब्लॉक के सबसे गहरे क्षेत्र से उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए सफल बोली लगाई है।
सूत्रों ने यह जानकारी दी। मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने कहा कि आईओसी ने बुधवार को हुई ई-नीलामी में बेची गई 60 लाख मानक घन मीटर प्रतिदिन (यूनिट) गैस में से लगभग आधी गैस को खरीदा। इसके अलावा गेल ने सात लाख यूनिट, अडानी-टोटल गैस लिमिटेड चार लाख यूनिट, शेल ने पांच लाख यूनिट, जीएसपीसी ने 2.5 लाख यूनिट और आईजीएस ने पांच लाख यूनिट गैस खरीदी।
रिलायंस-बीपी ने बुधवार को अपने पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 ब्लॉक में एमजे क्षेत्र से गैस की बिक्री के लिए ई-नीलामी की। सीएनजी बेचने वाली सिटी गैस कंपनियों को आपूर्ति के लिए प्राथमिकता देने के सरकार के नए विपणन नियमों के तहत यह नीलामी की गई। सूत्रों ने बताया कि बोली में सिटी गैस, उर्वरक, ऑयल रिफाइनरी, ग्लास, सिरैमिक्स और ट्रेडर्स सहित विभिन्न क्षेत्रों की 41 कंपनियों ने भाग लिया।
गैस के मूल्य को वैश्विक एलएनजी बाजार- जेकेएम (जापान कोरिया मार्कर) से जोड़ा गया था, लेकिन यह सरकार द्वारा अधिसूचित उच्चतम मूल्य सीमा के अधीन होगा। बोलीदाताओं को गैस की कीमत 'जेकेएम + वी' सूत्र के रूप में बताने के लिए कहा गया था। इसमें वी वैरिएबल है।
उन्होंने कहा कि अंतिम बोली मूल्य (जेकेएम + 0.75 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) रहा। इस तरह जेकेएम पर 0.75 डॉलर का प्रीमियम देना होगा। मई के लिए जेकेएम की कीमत लगभग 12.6 डॉलर प्रति यूनिट और इस तरह एमजे गैस की कीमत 13.35 डॉलर प्रति यूनिट होगी। सूत्रों ने कहा कि 29 बोलीदाताओं ने पांच साल के लिए गैस की आपूर्ति हासिल की। सफल बोलीदाताओं में भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी आईओसी शामिल है, जिसने अपनी रिफाइनरियों के लिए 14 लाख यूनिट गैस खरीदी। इसके अलावा कंपनी ने 15 लाख यूनिट गैस यूरिया क्षेत्र के लिए ली।
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