भारत जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के मामले में मानक स्थापित कर रहा: अश्विनी चौबे
लखनऊ। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने मंगलवार को कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के मामले में मानक स्थापित कर रहा है और वह वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो) का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
लखनऊ में आयोजित ‘नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव’ में सोमवार को शामिल हुए चौबे ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, "लखनऊ में आयोजित नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव 2023 में शामिल हुआ। भारत आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में मानक स्थापित कर रहा है।"
2-जो 'पंचामृत' का लक्षण भारत में स्थापित किया है, इस ओर तेजी से कार्य हो रहा है। 2070 तक भारत ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य हासिल करेगा। मा. विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना जी, मा. मंत्री डॉ अरुण सक्सेना जी उपस्थित थे। एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
— Ashwini Kr. Choubey (@AshwiniKChoubey) April 11, 2023
उन्होंने इसी कड़ी में किए गए एक अन्य ट्वीट में कहा, "जो 'पंचामृत' (पांच सूत्रीय एजेंडा) का लक्ष्य भारत में स्थापित किया है, इस ओर तेजी से कार्य हो रहा है। वर्ष 2070 तक भारत ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य हासिल करेगा।"
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ के पार्टियों के सम्मेलन(सीओपी26) में घोषणा की थी कि भारत 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा। इस बीच, सोमवार को कार्यक्रम के एक सत्र में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नरेश गंगवार और तन्मय ने कहा कि मीडिया जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि संचार के माध्यम से हम लोगों तक संदेश पहुंचा सकते हैं और हर व्यक्ति पर्यावरण की बेहतरी में योगदान दे सकता है। पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए जलवायु संवेदीकरण में मीडिया की भूमिका पर विस्तार से अपनी बात रखी।
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