World Water Day 2023: क्या अगली पीढ़ी को होंगे पानी के दर्शन? 

World Water Day 2023: क्या अगली पीढ़ी को होंगे पानी के दर्शन? 

हल्द्वानी, अमृत विचार। हम सबको पता है जल हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। बस वह हमारी पीढ़ी को आसानी से प्राप्त हो जाता है इसलिए हम उसका मूल्य नहीं समझ पाते हैं।

इस बार वर्ल्ड वाटर डे की थीम है - Accelerating the change to solve the water and sanitation crisis इसका अर्थ हुआ पानी और सफाई की कमी को दूर करने के लिए बदलाव में तेजी लाने का प्रयास। विशेषज्ञों का कहना है कि आजादी (1947) के बाद से प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता में लगभग 75 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। इसलिए पानी की बर्बादी का एहसास कराने के लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को पानी की बर्बादी और उसके मूल्य से अवगत करवाना है। 

 

भूजल की गुणवत्ता में आ रही गिरावट 

हम सब अधिकतम रूप से भूजल पर निर्भर है। देश की 62% सिंचाई, 85% ग्रामीण जल आपूर्ति और 50% शहरी जल आपूर्ति और 50% शहरी जल आपूर्ति भूजल से ही संभव है। ऐसे में नदियों और झीलों का पानी भी सूखता जा रहा है और देश के लिए संकट बन के खड़ा है।  

 

देश की राजधानी में जल आपूर्ति की समस्या 

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या के साथ-साथ जल की समस्या भी आ खड़ी है। दिल्ली अपनी जल आपूर्ति के लिए सबसे ज्यादा यमुना नदी पर निर्भर है और यमुना नदी ही सबसे ज्यादा प्रदूषण की मार झेल रही है। दिल्ली जल बोर्ड से चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं जहां पता चला है कि देश की राजधानी पानी के लिए 90% अपने पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। बढ़ती आबादी भी जल आपूर्ति में कमी का कारण बताया जा रहा है। 


दुनिया के 26% आबादी के पास नहीं है सुरक्षित पेयजल 

'संयुक्त राष्ट्र वर्ल्ड वाटर डेवलपमेंट रिपोर्ट 2023' के अनुसार विश्व की 26% आबादी के पास सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है। 2030 तक स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता सभी तक पहुंचे ऐसा लक्ष्य रखा गया है। रिपोर्ट के प्रधान संपादक रिचर्ड कोनोर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लक्ष्यों को पूरा करने की अनुमानित वार्षिक लागत कहीं न कहीं 600 अरब डॉलर से एक हजार करोड़ डॉलर के बीच है।