बरेली: टोल प्लाजा बताएगा सच, कितना दौड़ी डीपीओ के घोटाले की गाड़ी

डीडीओ के जवाब से असंतुष्ट सीडीओ ने कागजों पर गाड़ियां चलाकर लाखों हड़पने की जांच प्रोबेशन अधिकारी को सौंपी

बरेली: टोल प्लाजा बताएगा सच, कितना दौड़ी डीपीओ के घोटाले की गाड़ी

बरेली, अमृत विचार : बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में कागजों पर गाड़ियां चलाकर कितना सरकारी पैसा हजम किया गया, यह सच अब टोल प्लाजा का रिकॉर्ड बताएगा। प्रभारी डीपीओ अरुण कुमार के जवाब से संतुष्ट सीडीओ जग प्रवेश ने अब मामले की जांच जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार को सौंपी है। उन्हें हर परियोजना कार्यालय के लिए कथित तौर पर किराए पर ली गई गाड़ी के फोटो और टोल प्लाजा की रसीदों के साथ अपनी रिपोर्ट सात दिन में देने को कहा गया है।

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जिले के ब्लॉकों में चल रहे बाल विकास के परियोजना कार्यालयों में कागजों में किराए की गाड़ियां चलाकर हर महीने लाखों का घोटाला करने का मामला अमृत विचार ने उजागर किया था। इसके बाद यह मामला शासन तक पहुंचा तो निदेशक की ओर से पिछले दिनों उपनिदेशक को बरेली भेजकर जांच कराई गई।

उपनिदेशक की जांच में ब्लॉक आलमपुर जाफराबाद और फतेहगंज पश्चिमी के परियोजना कार्यालय में गोलमाल होने के प्रमाण भी मिले। दूसरी ओर, सीडीओ ने भी प्रभारी डीपीओ को पत्र जारी कर इस मामले में बिंदुवार जवाब मांगा था।

परियोजना कार्यालयों के रिकॉर्ड के आधार पर भुगतान करने का जिक्र करते हुए प्रभारी डीपीओ ने गोलमाल जवाब तो दे दिया लेकिन सीडीओ इससे संतुष्ट नहीं हुए लिहाजा उन्होंने अब जिला प्रोबेशन अधिकारी को जांच सौंप दी है। बताया जाता है कि फतेहगंज पूर्वी, पश्चिमी, बहेड़ी, शेरगढ़ समेत कई परियोजना कार्यालय ऐसे हैं, जिसके रास्ते में टोल प्लाजा है। इसलिए सीडीओ ने टोल प्लाजा के रिकॉर्ड के आधार पर जांच करने को कहा है।

डीडीओ से प्रभारी डीपीओ का प्रभार छीनने की तैयारी: सोमवार को बरेली आई विभागीय मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बरेली में डीडीओ के बजाय किसी और अधिकारी को प्रभारी डीपीओ बनाने को कहा तो मंगलवार को निदेशक सिमरन ब्रोका ने भी प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान बरेली का जिक्र करते हुए यहां विभागीय योजनाओं की प्रगति काफी खराब बताई और इस बारे में डीएम को भी पत्र लिखने की बात कही।

उप निदेशक भी अपनी जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंप चुकी है। इसलिए माना जा रहा है कि जल्द प्रभारी डीपीओ का चार्ज डीडीओ से छीना जा सकता है। उनके खिलाफ जांच भी बैठ सकती है।

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