गड़बड़ी: कागजों में Complete, मौके पर अधूरा मिला शौचालयों का निर्माण
63 से अधिक ग्राम पंचायतों के शौचालय निर्माण में मिली खामियां
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अमृत विचार, अयोध्या। जिले के सभी ब्लाकों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण को लेकर भी बड़ी लापरवाही बरती गई है। जिन सामुदायिक शौचालयों को पूरा बता कर ग्राम पंचायतों को हैंड ओवर कर दिया गया था अधिकतर अधूरे पाए गए हैं। जिले की 63 से अधिक ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी पाई गई है।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत खुले में शौचमुक्त करने के लिये जिले की सभी ग्राम पंचायतों में शासन ने पांच लाख की लागत से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण बीते दो वर्ष पूर्व ही कराया था लेकिन सामुदायिक शौचालय संचालन में सचिवों द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। इन शिकायतों के बाद सत्यापन कराया गया तो 63 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों में गड़बड़ी पाई गई है। ऐसे में डीपीआरओ ने 63 सचिवों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर हुई जांच में कई चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। कागजों में जिन सामुदायिक शौचालयों का संचालन बताया गया था उनको भी अपूर्ण पाया गया। जांच के दौरान जिले के 11 विकास खण्ड में से 63 ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालय में निर्माण संबंधी कमियां पायी गयी हैं। जांच में जुटे एडीओ पंचायतों ने पाया कि जिन्हें संचालित बताया जा रहा है उनमें अधिकांश सामुदायिक शौंचालय में पानी तक की व्यवस्था नहीं है। कहीं टाईल्स निर्माण में कमी मिली तो कही सफाई किट नदारद थी।
यही नहीं कुछ शौचालयों में सीट व वेशिंग के साथ सोख्ता गड्ढा भी दुरुस्त नहीं पाया गया है। शौंचालय केयरटेकर मानदेय आदि का भुगतान न होने की भी शिकायतें सही पाई गई। इसे गंभीरता से लेकर हुए डीपीआरओ दमन प्रीति अरोड़ा ने बताया कि संबंधित ग्राम पंचायतों के 63 सचिव को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। स्पष्टीकरण संतोष जनक न रहा तो सभी का वेतन रोकने की कार्रवाई भी की जाएगी। इसे लेकर सचिवों में खलबली मची हुई है।
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