देहरादून: ई-ग्रंथालय में छात्र-छात्राओं का पंजीकरण हुआ अनिवार्य

देहरादून, अमृत विचार। सूबे के राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को ई-ग्रंथालय में अपना पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा, ताकि ई-ग्रंथालय के माध्यम से छात्र-छात्राओं को कैटलॉगिंग की आधुनिक डिजिटल सुविधा के साथ-साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में उपलब्ध पुस्तकों, शोध पत्र-पत्रिकाओं सहित अन्य पठन-पाठ्न के संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को दून विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय ई-ग्रंथालय हैण्ड्सऑन प्रशिक्षण कार्यशाला को आरंभ करते कहा कि आने वाला समय डिजिटल एजुकेशन का है। हमें भी खुद को इसी के अनुरूप तैयार करना होगा। सूबे के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना कर दी गई है, जिसमें 21 लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं, लेकिन इनका अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या अभी काफी कम है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक माह के भीतर सूबे के सभी राजकीय शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं का ई-ग्रंथालय में पंजीकरण सुनिश्चित करें। ई-ग्रंथालय में पंजीकरण के उपरांत छात्र-छात्राओं को कैटलॉगिंग की आधुनिक डिजिटल सुविधा के साथ-साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में उपलब्ध पुस्तकों, शोध पत्र-पत्रिकाओं सहित अन्य पठन-पाठ्न की सामग्री आसानी से उपलब्ध रहेगी।
उन्होंने कहा कि यदि किसी संस्थान में छात्र-छात्राओं का पंजीकरण का कार्य पूरा नहीं होता है तो इसके लिये संबंधित संस्थान के प्राचार्य एवं पुस्तकालयाध्यक्ष को जिम्मेदार माना जायेगा। डॉ0 रावत ने कहा कि भविष्य में ई-ग्रंथालय में एनईपी-2020 के अनुरूप तैयार नये पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ ही विभिन्न विषय विशेषज्ञों के शोध पत्रों व उच्च शिक्षा में तैनात शिक्षकों की उपयुक्त पुस्तकों को भी अपलोड किया जायेगा ताकि छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों की अध्ययन सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके। विभागीय मंत्री ने कहा कि विभिन्न महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में हजारों ऐसी पुस्तक उपलब्ध है जो अब आउट ऑफ सिलेबस हो चुकी है। ऐसी पुस्तकों को वन टाइम सेटेलमेंट के तहत किसी जरूरतमंद अथवा सार्वजनिक पुस्तकालयों को दान की जायेंगी, पुरानी पुस्तकों के स्थान पर शिक्षण संस्थानों में नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप अच्छे लेखक एवं प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदी जायेंगी।
दूरस्थ क्षेत्रों की 51 मेधावी छात्राओं को मिली स्कॉलरशिप
विद्या ज्योति स्कॉलरशिप के तहत राज्य के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत स्नातकोत्तर की दूरस्थ क्षेत्रों की 51 छात्राओं को ऋषि मिशन खोसला स्कॉलरशिप के अंतर्गत 35-35 हजार की छात्रवृत्ति प्रदान की गई।
उच्च शिक्षा मंत्री एवं विधायक धर्मपुर विनोद चमोली ने छात्राओं शालिनी रौतेला, शिवांगी, साक्षी बेंजवाल, अपर्णा रावत, सिमरन रावत, हिमांशी तिवारी, गीतांजली मेलकानी एवं माधुरी को छात्रवृत्ति के चैक सौंपे।
इसके अलावा संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित 163 छात्र-छात्राओं को मुख्य परीक्षा में बेहतर कोचिंग हेतु 50-50 हजार की पुरस्कार राशि और एनडीए, सीडीएस, ओटीए, आईएनए, आईएएफ के माध्यम से चयनित 148 छात्र-छात्राओं को 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
उच्च शिक्षा विभाग का यूपीईएस व रूट्स टू रूट्स के साथ एमओयू
उच्च शिक्षा विभाग ने आज दो बड़े संस्थानों रूट्स टू रूट्स नई दिल्ली एवं यूपीईएस देहरादून के साथ एमओयू साइन किये। विभाग ने कला संस्कृति एवं परफॉर्मिंग आर्ट्स तथा भारतीय ज्ञान के क्षेत्र में सहयोग हेतु रूट्स टू रूट्स नई दिल्ली के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जबकि यूपीईएस देहरादून के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित कौशल विकास पाठ्यक्रमों को एनईपी-2020 के अनुरूप राजकीय महाविद्यालयों में संचालित करने को लेकर अनुबंध किया गया।
उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट का हुआ लोकार्पण
विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट का लोकार्पण किया। उन्होंने बताया कि नवीन वेबसाइट एनईपी-2020 के अनुरूप अपेडट की गई है, ताकि विभाग से जुड़ी सभी जानकारियां छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों एवं विभागीय कार्मिकों को एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके।