बरेली: 151 ओडीएफ प्लस मॉडल गांवों के विकास कार्यों की होगी जांच

बरेली, अमृत विचार : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज -2 के अंतर्गत ग्रामों को ओडीएफ प्लस के रूप में मॉडल बनाए जाने को लेकर भेजे गए बजट में जमकर बंदरबांट हुआ। कई ग्राम पंचायतों में प्रधान और सचिवों ने सामुदायिक सोकपिट, कंपोस्ट पिट आदि कार्य कराए नहीं और उसका सारा पैसा हजम कर गए।
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शासन में इसको लेकर जब शिकायतें हुईं तो अब चयनित समस्त 151 राजस्व ग्रामों / ग्राम पंचायतों में 4.98 करोड़ रुपये से कराए गए कार्यों के निर्धारित मानक व गुणवत्ता की जांच के लिए ब्लाक स्तर पर एडीओ पंचायत की अध्यक्षता में छह सदस्यीय टीम जांच के लिए गठित की गई।
इसका पता चलने पर ग्राम पंचायतों में शासकीय धनराशि की बंदरबांट करने वालों में खलबली मच गई है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 में जनपद की 151 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस की उत्कृष्ट श्रेणी (मॉडल) के गांव बनाए जाने के लिए चिह्नित किया गया था। यह सभी गांव 5000 से अधिक आबादी वाले हैं।
चिह्नीकरण में संबंधित राजस्व गांव के साथ ही इनकी ग्राम पंचायत के सभी राजस्व ग्रामों को भी शामिल किया गया। इन गांवों में ओडीएफ स्थायित्व, ठोस और तरल अपशिष्ट, प्लास्टिक व गोबर आदि के प्रबंधन किए जाने थे। इस बीच प्रदेश के तमाम जिलों से शासन में गड़बड़ी को लेकर शिकायतें पहुंचने लगीं।
जांच में ओडीएफ प्लस के निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितता सामने आईं। जिसके चलते शासन ने जनपद के समस्त ओडीएफ प्लस मॉडल गांवों के कार्यों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि ब्लाक स्तर पर एडीओ पंचायत की अध्यक्षता में छह सदस्यीय टीम जांच के लिए गठित की गई है। इसमें ग्राम विकास अधिकारी, खंड प्रेरक अधिकारी समेत पांच लोगों को बतौर सदस्य बनाया गया है।
ग्राम पंचायतों में कराए गए यह कार्यः चयनित ग्राम पंचायतों में 227 सामुदायिक सोकपिट और 3289 कंपोस्ट पिट बनाए जा रहे हैं। इनका 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। वहीं सामुदायिक कंपोस्ट पिट के लिए 15 हजार रुपये, सामुदायिक सोकपिट के लिए 11,700 रुपये ग्राम निधि में भेजा गया।
इसके अलावा आलमपुर जाफराबाद स्थित रफियाबाद गोशाला में गोबर गैस प्लांट के लिए 50 लाख रुपये, प्लास्टिक मैनेजमेंट यूनिट के लिए 16 लाख रुपये की धनराशि ग्राम पंचायत को भेजी गई थी। जबकि डीपीआरओ के मुक्त सोकपिट और कंपोस्ट पिट का कार्य कुछ गांवों में चल रहा है। बाकी सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। जांच कमेटी कार्यों को सत्यापन करने के साथ ही 10 दिन के अंदर फोटोग्राफ भी कार्यालय में उपलब्ध कराएगी ताकि वास्तविकता का पता चल सके।
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