Olo खोलेगा आखों के विज्ञान से जुड़े कई राज, बदलेगा रंगो को देखने की क्षमता
Olo Color: हमारी दुनिया रंगो से भरी हुई है। इन रंगो के कारण दुनिया में मौजूद हर चीज खूबसूरत दिखाई पड़ती है। और इन सभी को हम अपनी आंखो से देख सकते हैं पर अगर कोई आपसे कहे कि एक ऐसा रंग भी है जिसे आप अपनी नग्न आखों से नहीं देख सकते हैं, तो क्या आप इस पर यकीन करेंगे। और तो और इसकी खोज भी हाल फ़िलहाल में वैज्ञानिको के द्वारा की गई है इसका नए रंग का नाम 'ओलो' Olo है।
बता दें कि अमेरिकी वैज्ञानिको की टीम ने ये दावा किया है कि उन्होंने इस रंग की खोज की है। इसके लिए उन्होंने एक एक्सपेरिमेंट भी किया जिसमें पहले पांच लोगो की आंखो में सटीक और नियोजित तरीके से लेजर बीम डाली गयी जिसका मकसद आखों में रेटिना की कोन सेल्स को उत्तेजित करना था जिससे हमें रंगो को देखने में मदद मिलती है।
कैसे हुई इसकी खोज
हमारी आंखे RGB यानि लाल, हरा, नीला कलर को देखता है। रेटिना में S,M,L नाम से 3 सेल्स मौजूद है, और रंग देखने के लिए एक से ज्यादा सेल्स एक्टिव होती हैं लेकिन 'ओलो' को देखने के लिए M सेल्स को एक्टिव किया गया था इससे नतीजन एक ऐसा रंग पैदा हुआ जो आज से पहले कभी नेचुरल विजन में नहीं देखा गया था। इस रंग को देखने वाले प्रतिभागियों ने कहा कि यह रंग कुछ हरा-नीला, उससे कुछ ज्यादा डार्क है।
इस रंग की खोज से बढ़ेगी मेडिकल संभावनाएं
-भले ही इसका कलर नार्मल आखों से न दिखाई दें पर इसकी खोज से आगे चलकर तकनीक का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में मददगार होगा।
-कलर ब्लाइंडनेस के लिए ये एक औषधि साबित होगा।
-retinitis pigmentosaजैसे रेटिना वाली बीमारी को समझने में यह सहायक होगा।
-दिमाग और आखों के बीच संतुलन और रंगो की व्याख्या में मददगार साबित होगा।
आने वाले समय में आम इंसान भी इस रंग को देख पाएगा पर अभी सिर्फ ये विज्ञान की एक झलक है ।
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