केजरीवाल और एलजी में तकरार ! DISCOM बोर्ड से AAP के दो नेताओं को हटाया

नई दिल्ली। दिल्ली के उप-राज्यपाल वी.के. सक्सेना ने आप' सरकार द्वारा नामित जैस्मीन शाह और नवीन गुप्ता को डिस्कॉम बोर्ड से हटा दिया है। उप-राज्यपाल ने कहा कि निजी स्वामित्व वाली डिस्कॉम में सरकार द्वारा नामित सदस्यों की नियुक्ति अवैध तरीके से हुई थी। आप' ने कहा कि एलजी के पास इस तरह के आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है।
दिल्ली में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच एक बार फिर तकरार बढ़ने के आसार हैं। दरअसल, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने DISCOM बोर्ड से आम आदमी पार्टी के दो नेताओं को हटाने का आदेश दिया।
आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी के नेता जैस्मीन शाह और नवीन गुप्ता को बोर्ड से हटा दिया है। जैस्मीन शाह आप के प्रवक्ता है जबकि नवीन गुप्ता पार्टी के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के बेटे हैं। जैस्मीन शाह और नवीन गुप्ता को अवैध तरीके से प्राइवेट डिस्कॉम बोर्ड में सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल किया गया था। एलजी ने इन दोनों नेताओं को हटाकर उनकी जगह सरकारी अधिकारियों को नियुक्त करने का आदेश दिया है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से नियुक्त सदस्यों को डिस्कॉम बोर्ड से हटाने के उपराज्यपाल वी के सक्सेना के फैसले को शनिवार को असंवैधानिक और अवैध करार दिया। सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को पलटने का एक नया चलन शुरू किया है। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा नियुक्त सदस्यों ने निजी डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) को 8,000 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल कथित 'घोटाले' की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से करा सकते हैं।
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