हरदोई: पढ़ाने की नहीं,नेतागिरी की ली जा रही है तनख्वाह!
बीईओ की शह इधर-उधर घूम कर की जा रही है नौकरी
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हरदोई, अमृत विचार। बच्चों के शैक्षिक स्तर को ऊंचा बनाने के लिए सरकार तमाम तरह की योजनाओं को लागू कर चुकी हैं या लागू कर रही है, लेकिन फिर भी बराबर शैक्षिक स्तर में गिरावट जारी है। इसकी बस एक ही वजह है कि जिन्हें बच्चों के शैक्षिक वातावरण को और बेहतर बनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है वही 'साहब' को हिस्सेदार बना कर घर बैठ कर तनख्वाह बटोर रहे हैं। मुख्यमंत्री को इसका काला-चिट्ठा भेजा गया है।
अहिरोरी ब्लाक में तमाम ऐसे शिक्षक है जो या तो संगठन से जुड़े हुए हैं,या फिर उनका कोई अपना जुड़ा है। ऐसे लोग कभी भी स्कूल झांकने तक नहीं जाते हैं। झबरापुरवा के संतराम वर्मा ने मुख्यमंत्री को जो शिकायत भेजी है, उसमें कहा है कि इस तरह के शिक्षक बीईओ को अपना हिस्सेदार बना कर तनख्वाह बटोर रहें हैं। ब्लाक के सारीपुर हीरालाल,एकघरा,ढपरापुर और अटवा कटैय्या सरीखे ऐसे तमाम स्कूल है, जहां के शिक्षक हर महीने साहब (बीईओ) को उनका हिस्सा पहुंचा कर बिंदास अंदाज में नौकरी कर रहें हैं। सरकार का मकसद है कि बच्चों का शैक्षिक स्तर और ऊंचा हो, इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च कर तमाम योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन जब इस तरह के शिक्षक होंगे तो सरकार अपने मकसद में कभी भी कामयाब नही हो सकती, लोगों का ऐसा ही मानना है।
शिकायत करने वाले संतराम वर्मा का कहना है कि ऐसे शिक्षक सरकार से तनख्वाह के तौर पर लाखों रुपये बटोर रहें हैं, लेकिन नौकरी धेले भर की नहीं कर रहें हैं। मुख्यमंत्री से औचक निरीक्षण करने और ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
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