आफत ही आफत! दरकते शहर में बढ़ती ठिठुरन ने बढ़ाई चिंता, राहत के लिए हीटर उपलब्ध
चमोली (जोशीमठ), अमृत विचार। उत्तराखंड के चमोली जिले में जारी शीतलहर के बीच प्रशासन ने भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ में अस्थाई राहत केंद्रों को बिजली के हीटर उपलब्ध कराए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 38 और परिवारों को प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया है। सरकार ने 10 स्थानों पर अलाव जलाने की भी व्यवस्था की है। आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि अब तक कुल 223 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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125 प्रभावित परिवारों को अंतरिम सहायता
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि हर प्रभावित परिवार को अंतरिम राहत के तौर पर 1.50 लाख रुपए की राशि वितरित करने के प्रयास तेज किए जाने के बीच होटल मलारी इन को गिराने का काम जारी रहा। रंजीत सिन्हा ने कहा कि अब तक 125 प्रभावित परिवारों को अंतरिम सहायता के रूप में 1.87 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है।
कई क्षेत्र असुरक्षित घोषित
अधिकारियों ने कहा कि राहत शिविरों में कमरों की संख्या बढ़ाकर 615 कर दी गई है, जिसमें करीब 2,190 लोग रह सकते हैं। जोशीमठ में दरार वाले घरों की संख्या बढ़कर 782 हो गई है, जहां गांधीनगर, सिंगधार और मनोहर बाग वार्ड में स्थित क्षेत्रों को असुरक्षित घोषित किया गया है।
औली में बर्फबारी के बाद बिछी सफेद चादर
बता दें, चमोली जिले के औली में ताजा बर्फबारी के बाद बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। वहीं, जोशीमठ से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित गांव सेलंग में भी जोशीमठ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका मंडरा रही है। यहां पिछले कुछ महीनों से खेतों और कई घरों में दरारें दिखाई दे रही हैं।
जोशीमठ संकट से डर लगातार बरकरार
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-58) पर स्थित सेलंग के निवासियों ने कहा कि वे डरे हुए हैं और जोशीमठ संकट ने उनके डर को और बढ़ा दिया है। हालांकि सेलंग अकेली ऐसी जगह नहीं है, जहां ये संकट मंडरा रहा है। उत्तराखंड की और भी जगहों पर खतरा बढ़ने लगा है।
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