कंपनियों के तिमाही नतीजों, महंगाई के आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा

कंपनियों के तिमाही नतीजों, महंगाई के आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा

नई दिल्ली। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों, कंपनियों के तिमाही नतीजों तथा विदेशी कोषों के रुख से इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा वैश्विक रुझान और कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, तीसरी तिमाही के नतीजों की शुरुआत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कुछ बड़ी कंपनियों के साथ हुई है। इस सप्ताह एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और एचयूएल सहित कुछ बड़ी कंपनियों के कमाई के आंकड़े आएंगे। मीणा ने कहा, वैश्विक मोर्चे पर मार्टिन लूथर किंग जूनियर दिवस के कारण अमेरिकी बाजार सोमवार को बंद रहेंगे।

हालांकि, अमेरिका, यूरोप और चीन से कई वृहद आंकड़े आने हैं। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव, अमेरिकी बॉन्ड पर प्रतिफल और डॉलर सूचकांक पर निवेशकों की निगाह रहेगी। एचडीएफसी बैंक का दिसंबर तिमाही का शुद्ध लाभ 19.9 प्रतिशत की छलांग लगाते हुए 12,698 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

मूल आय बढ़ने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है। बैंक का तिमाही नतीजा शनिवार को आया। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, आगे चलकर बाजार की दिशा कंपनियों के तिमाही नतीजों और वैश्विक संकेतकों से तय होगी। वृहद आर्थिक मोर्चे पर 16 जनवरी को थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े आएंगे।

सभी की निगाह बैंक क्षेत्र के शेयरों पर रहेगी। सबसे पहले बाजार एचडीएफसी बैंक के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देगा। इसके अलावा बाजार भागीदारों की निगाह इंडसइंड बैंक, कोटक बैंक और आईसीआईसीआई बैं

क के तिमाही नतीजों पर होगी। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 360.81 अंक या 0.60 प्रतिशत चढ़ गया। मीणा ने कहा कि पिछले सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने करीब 10,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। बाजार की भविष्य की दिशा के लिए एफआईआई का रुझान काफी महत्वपूर्ण है।

सप्ताह के दौरान फेडरल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के तिमाही नतीजे भी आने हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, आगे चलकर निवेशकों की निगाह वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों के नतीजों पर रहेगी।

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