संभल: एसडीएम ने दिखाए तेवर तो किसानों ने समेटा तिरपाल
भाकियू तोमर के पदाधिकारी जुलूस निकालकर देने जा रहे थे धरना, हूटर लगी गाड़ी का चालान करने का मामला, बाद में सौंपा ज्ञापन

संभल, अमृत विचार। भारतीय किसान यूनियन तोमर के जिलाध्यक्ष की हूटर लगी गाड़ी का चालान व अन्य मामलों में किसानों ने नारेबाजी कर जुलूस निकाला। इसके बाद एसडीएम दफ्तर पर पदाधिकारियों ने तिरपाल बिछाकर धरना देने का मन बनाया तो एसडीएम ने निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद जुलूस और भीड़ इकट्ठा करने को लेकर तेवर दिखाए। एसडीएम के तेवर देख किसानों ने आनन-फानन में तिरपाल समेट लिया। बाद में अपनी मांगों के निस्तारण के लिए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
सोमवार को भाकियू तोमर के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी चंद्रवीर सिंह के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने चन्दौसी मार्ग पर इकट्ठा होने के बाद एसडीएम कार्यालय का रुख किया। नारेबाजी करते हुए पदाधिकारी एसडीएम दफ्तर पहुंचे। जब पुलिस ने एसडीएम को ज्ञापन देने की बात कही तो धरना देने के लिए तिरपाल बिछाया जाने लगा। शोर-शराबा होने पर एसडीएम विनय कुमार मिश्र भी कार्यालय से बाहर आ गए। एसडीएम ने भाकियू पदाधिकारियों की बात सुनी तो दो दिन पहले जिलाध्यक्ष की हूटर लगी गाड़ी का चालान करने का मुद्दा उठा।
एसडीएम ने कहा कि निषेधाज्ञा लागू है फिर भी जुलूस निकालते हुए भीड़ इकट्ठा की गई, यह ठीक नहीं है। इसके बाद एसडीएम ने तेवर तल्ख करते हुए पुलिस को मुख्य मार्ग पर खड़ी हूटर लगी दो गाड़ियों के चालान और कार्रवाई के निर्देश दिए। एसडीएम के तेवर देखते ही भाकियू पदाधिकारी भी शांत होने लगे। भाकियू पदाधिकारियों ने कहा कि किसानों के मुद्दे को लेकर आंदोलन किया है। जो भी समस्या हैं उन्हें सुनकर समाधान कराना प्रशासन का कर्तव्य है। जिस पर एसडीएम ने भी कहा कि वार्ता करने के लिए इतनी भीड़ और हंगामे की क्या जरूरत थी। इस बीच बिछे हुए तिरपाल को भी समेट लिया गया। भाकियू पदाधिकारियों ने कई मुद्दों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जिलाध्यक्ष कासिम सैफी, कलीम अहमद, हाजी आसिफ, हाशिम, हाफिज फुरकान, मोहम्मद शाहिद, शफीक, राजेश यादव, उसमान, तालिब, आसिफ, नसीम आदि रहे।
भाकियू ने उठाए गन्ना भुगतान और बिजली समेत कई मुद्दे
संभल।भाकियू तोमर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। कहा कि सिर्फ दो घंटे बिजली मिल रही है। किसानों को आठ से 10 घंटे बिजली दी जाए। बिजली विभाग द्वारा किसानों, मजदूरों पर झूठे मुकदमों से निजात दिलाने, गन्ना मूल्य 450 रुपये क्विंटल घोषित करने और गन्ना बकाया भुगतान की मांग की। पुलिस प्रशासन द्वारा चेकिंग के नाम पर किसानों के शोषण पर रोक लगाने, थानों, तहसीलों और बैंकों में दलालों से किसानों और मजदूरों को बचाने, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा भूमि के आधार पर पांच लाख करने, छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने की मांग भी उठाई।
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