मोदी सरकार शत प्रतिशत नागरिकों को दिलाएगी स्वास्थ्य कवर : ज्योतिरादित्य सिंधिया 

मोदी सरकार शत प्रतिशत नागरिकों को दिलाएगी स्वास्थ्य कवर : ज्योतिरादित्य सिंधिया 

नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में शत प्रतिशत नागरिकों को किफायती एवं उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं और बीते आठ वर्षों में इस दिशा में सरकार तेज़ गति से अग्रसर है।

सिंधिया ने शुक्रवार सुबह अपने मंत्रालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के आठ वर्षों के कार्यकाल का लेखा जोखा साझा किया और कोविड की नयी लहर की आशंका को लेकर आश्वस्त किया कि प्रधानमंत्री ने उच्च स्तर पर इसकी तैयारियों की समीक्षा की है। राज्यों के मंत्रियों के साथ आज बैठक बुलाई गई है। 

सिंधिया ने कहा कि PM मोदी की स्पष्ट सोच रही है- 'वन नेशन वन हेल्थ'। उसी के सहारे देश में जन-जन ने मिलकर कोविड का सामना किया... जिस देश में सिर्फ एक टेस्टिंग लैब थी उसी भारत में आज 3388 टेस्टिंग लैब हैं। केंद्र सरकार हर स्थिति का सामना करने के लिए पूर्णत: तैयार है।

देश में स्वास्थ्य परिदृश्य की चर्चा करते हुए सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी स्वस्थ भारत शिक्षित भारत अभियान के आधार पर भारत को विश्व पटल पर एक जाज्वल्यमान नक्षत्र के रूप में स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित हैं। बीते आठ वर्षों में भारतीय जनता पार्टी का संकल्प एक समग्र स्वाथ्य सेवा सुलभ कराना रहा है।

हमारी सोच स्वास्थ्य को उपचार के स्तर से उठा कर बचाव के स्तर पर लाने की है और प्रधानमंत्री एक भारत, एक स्वास्थ्य की सोच  के साथ काम कर रहे हैं। इसलिए इसमें योग के साथ साथ आयुर्वेद भी शामिल है। 

उन्होंने कहा कि भारत का स्वास्थ्य बजट वर्ष 2014 में 33 हजार 280 करोड़ रुपए से बढ़कर 83 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत, हर घर नल जल के अभियान भी बीमारियों के प्रतिशत को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार कार्यक्रम के चार स्तंभ हैं - आसान पहुंच, किफायती सेवाएं, निश्चित गुणवत्ता और डिजिटल डिलीवरी। 

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में 10 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ लोगों को जोड़ा गया है। 21 करोड़ आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। 22 हजार अस्पताल सूचीबद्ध किये गये हैं। आयुष्मान भारत स्क्रीनिंग सेवाएं पूर्णत: क्रियान्वित की जा चुकीं हैं जिनमें कैंसर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि रोगों की निगरानी की जा रही है।

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना के लिए 64 हजार करोड़ रुपए वर्ष 2021 से 2025 तक के लिए आवंटित किये गये हैं। इसमें नौ लाख 94 हजार आशा कार्यकत्रियों को जोड़ा गया है। दूरदराज के इलाकों में ड्रोन का उपयोग, दवा वितरण, रक्त पहुंचाने आदि के लिए किया जा रहा है। 

सिंधिया ने कहा कि दवा को किफायती बनाने के लिए प्रधानमंत्री जनौषधि केन्द्र खोले गये हैं। भारत में दवाएं यूरोप एवं अमेरिका की तुलना में सस्ती हैं। देश में प्रति परिवार दवाओं पर खर्च 64 प्रतिशत से घटकर 48 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अवसंरचना में देश में 2014 तक छह अखिल आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खोले गये थे और 2014 से अब तक 16 नये एम्स के साथ देश में एम्स की संख्या 22 हो गयी है।

देश में 261 नये मेडिकल कॉलेजों के साथ कुल मेडिकल कॉलेज 650 से अधिक हो गये हैं। एमबीबीएस की सीटें 90 प्रतिशत वृद्धि के साथ 45 हजार नयी सीटें सृजित हुईं हैं जबकि स्नातकोत्तर सीटों  में 150 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 32000 नयी सीटें सृजित हुईं हैं।

उन्होंने कहा कि देश में आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान देश में 75 सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खोले गये हैं। देश में 157 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदलने का फैसला किया गया और अब तक 94 मेडिकल कॉलेज कार्यान्वित हो गये हैं। देश में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर एवं नवजात मृत्यु दर में खासी कमी आयी है। 

उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं के डिजीटलीकरण की दिशा में उल्लेखनीय काम हुआ है। हर नागरिक काे एक विशिष्ट पहचान संख्या दी जा रही है जिसमें उसके प्रत्येक चिकित्सा रिकॉर्ड एवं रिपोर्टों को क्लाउड आधारित एक सुरक्षित कोष में रखा जाएगा।

वह किसी भी जगह इलाज कराये तो मरीज अपने पासवर्ड से उसे खोलकर डॉक्टर को दिखा पाएगा। मरीज को रिकॉर्ड का बौद्धिक संपदा अधिकार दिया गया है। इस समय तक दो करोड़ 90 लाख रिकार्ड दर्ज हो चुके हैं। इससे एक करोड़ 65 लाख प्रयोगशालाएं एवं अस्पताल जोड़े गये हैं। टेलीपरामर्श सेवाओं का अब तक आठ करोड़ लोग लाभ उठा चुके हैं। 

सिंधिया ने कहा कि भारत ने दुनिया की फार्मेसी के रूप में पहचान बनायी है और कोविड काल में दो दो टीके बनाये और दुनिया के अन्य देशों के साथ साझा किये। गांव गांव मोहल्ले मोहल्ले और घर घर दस्तक देकर टीके पहुंचाये गये। भारत ने साेमवार को 220 करोड़ टीकों के डोज देने का रिकॉर्ड पार किया है।

भारत में आज कोविड के 3388 टेस्टिंग लैब बन गयीं हैं। ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है। भारत में इस समय चार टीके उपलब्ध हैं। टीके के मामले में हम आत्मनिर्भर बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम देश को स्वस्थ एवं शिक्षित बनाने तथा देश के शत प्रतिशत नागरिकों को स्वास्थ्य कवर देने की दिशा में तीव्र गति से अग्रसर हैं और निश्चित रूप से जल्द ही हम इसमें सफल होंगे।

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