बरेली: तीन माह में एसबीआई का एनपीए पांच करोड़
जुलाई-सितंबर की तिमाही में 32.23 से बढ़कर हुआ 37.26 करोड़, पिछली तिमाही के मुकाबले दर्ज किया गया 15 करोड़ से अधिक का एनपीए

बरेली, अमृत विचार, शिवांग पांडेय। नवंबर के आखिरी सप्ताह में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा की ओर से एक बयान दिया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि जुलाई-सितंबर 2022 तिमाही में एसबीआई की ओर से अब तक का सबसे ज्यादा मुनाफा दर्ज किया है।
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तमाम विशेषज्ञ और ब्रोकिंग हाउस इस प्रदर्शन पर बैंक की प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन जिले में एसबीआई की स्थिति यह है कि जुलाई-सितंबर 2022 में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) की राशि पिछली तिमाही के मुकाबले पांच करोड़ से अधिक हो गई।
आंकड़ों के अनुसार एसबीआई के मार्च-मई की तिमाही में एनपीए की राशि 32.23 करोड़ रुपये हुई, जिस पर 4137 लोगों को आरसी जारी की गई। जुलाई-सितंबर की तिमाही में यह राशि बढ़कर 37.26 करोड़ हुई, जिसमें 4217 लोगों को आरसी जारी की गई।
विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे स्थानीय अधिकारियों का एनपीए के बकाएदारों के प्रति सुस्त रवैया बंटाधार कर रहा है। जिले की बैंकों में तीन महीने के दौरान खराब लोन यानी एनपीए घोषित होने वाले लोन की रकम 370 से बढ़कर 385 करोड़ रुपये पहुंच गई है। सबसे ज्यादा एनपीए को लेकर भारतीय स्टेट बैंक अपने लोन न चुकाने वालों के प्रति सुस्त दिखाई पड़ी।
जिले में सरकारी, अर्द्धसरकारी व निजी बैंकों की लगभग 30 शाखाएं हैं, जिनमें 385.83 करोड़ रुपये के बकायेदारों के खाते एनपीए घोषित हो चुके हैं। इसमें से बीती तिमाही के पांच टॉप बैंकों में से चार की स्थिति भी पिछली तिमाही के समान ही है।
अप्रैल-जून की तिमाही में जिले में एनपीए की स्थिति 370 करोड़ रुपये रही। कुछ निजी बैंकों पर भी एनपीए का बोझ बढ़ा है। वहीं, लोक अदालत में एनपीए खाताधारक को विभिन्न बैंकों द्वारा 25 से 50 प्रतिशत तक ब्याज में कटौती कर लोन वसूला जाता है। इस प्रक्रिया से लगभग 1583 लोगों के मामलों का निस्तारण किया जा चुका है।
एनपीए के टॉप-5 बैंक
पहली तिमाही (वर्ष 2022)
बैंक जारी की गई आरसी राशि (करोड़ रुपये में)
पंजाब नेशनल बैंक 6,010 98.50
बैंक ऑफ बड़ौदा 5,322 57.68
बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक 5,395 33.41
भारतीय स्टेट बैंक 4,137 32.23
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 1,871 23.84
जुलाई- सितंबर (वर्ष 2022)
बैंक जारी की गई आरसी राशि (करोड़ रुपये में)
पंजाब नेशनल बैंक 6,010 98.50
बैंक ऑफ बड़ौदा 5,322 57.68
बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक 5,395 33.41
भारतीय स्टेट बैंक 4,217 37.26
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 1,871 23.84
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक सुषमा कृष्णानयन ने बताया कि अगर कोई कर्ज धारक लगातार तीन महीने तक बैंक की किस्त नहीं चुका पाता है। उस कर्ज धारक के लोन को एनपीए घोषित कर दिया जाता है। इससे कर्ज धारक की सिविल रेटिंग खराब हो जाती है।
वहीं, बीते दिनों हुई जिला स्तरीय बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों को एनपीए बकाएदारों का रिकार्ड उपलब्ध कराने को लेकर निर्देशित किया गया है। वहीं, बैंकों की ओर से शिविर लगाकर रिकवरी के निर्देश भी डीएम शिवाकांत द्विवेदी की ओर से दिए गए हैं।
बरेली परिक्षेत्र में तीन रीजन आते हैं, किस रीजन के आधार पर ये डाटा है, उसके बारे में जानकारी के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।-उमेश चंद्रा, चीफ मैनेजर एसबीआई
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