सर्वदलीय बैठक बुलाएं नीतीश कुमार, बिहार में शराबबंदी नीति पर पुनर्विचार करें: गिरिराज सिंह

सर्वदलीय बैठक बुलाएं नीतीश कुमार, बिहार में शराबबंदी नीति पर पुनर्विचार करें: गिरिराज सिंह

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित भाजपा की बिहार इकाई के नेताओं ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी नीति पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए दावा किया कि राज्य सरकार नकली शराब की अवैध बिक्री पर रोक लगाने में विफल रही है, जिससे मौतें हो रहीं और अपराध बढ़ रहा। सिंह ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि कुमार को इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और उसके अनुसार फैसला करना चाहिए। 

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उन्होंने कहा, अगर कोई नीति सफल नहीं होती है तो उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। पाटलिपुत्र के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने भी सिंह के विचार से सहमति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को शराबबंदी को निजी प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें या तो इसे प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए, या इस्तीफा देना चाहिए। बिहार के सारण जिले में मंगलवार रात कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने उनकी (मृतकों की) संख्या छह बताई है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह संख्या इससे कहीं अधिक है। 

सिंह ने कहा, बिहार में हर दिन जहरीली शराब के कारण लोगों की मौत हो रही है, जबकि कुमार अपनी नीति पर अड़े हुए हैं, जो विफल हो चुकी है। अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। शराब भगवान की तरह हो गई है, जो दिखाई नहीं देती, लेकिन राज्य में हर जगह मौजूद है। सिंह ने मुख्यमंत्री की आलोचना की, जो कथित रूप से जहरीली शराब के कारण हुई मौतों को लेकर अपनी सरकार पर राज्य विधानसभा में भाजपा सदस्यों के हमले के कारण भड़क गए थे। 

सिंह ने कहा कि कुमार का यह आचरण उनकी हताशा को दर्शाता है क्योंकि सत्ता पर उनकी पकड़ कमजोर हो गई है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में 2025 में बिहार का अगला विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा।

इस बारे में केंद्रीय मंत्री सिंह ने दावा किया कि कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाईटेड) के नेताओं में काफी नाराजगी है, जबकि राजद उन पर दबाव बना रहा है। रामकृपाल यादव ने कुमार नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में प्रशासनिक व्यवस्था शराब माफिया के हाथों ‘बिक’ गई है, क्योंकि युवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा और अधिक खतरनाक उत्पादों की ओर रुख कर रहा है। 

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