मदरसों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप, केंद्र सरकार ने लगाई रोक

मदरसों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप, केंद्र सरकार ने लगाई रोक

केंद्र सरकार का मानना है कि शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई मुफ्त है। इसके अलावा छात्रों को अन्य जरूरी वस्तुएं भी दी जाती हैं।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति बंद कर दी। इसे लेकर निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। अभी तक मदरसों में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 1000 रुपए छात्रवृत्ति मिलती थी। वहीं, 6 से 8 तक के बच्चों को अलग अलग कोर्स के हिसाब से छात्रवृत्ति मिलती थी।  

बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार का मानना है कि शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई मुफ्त है। इसके अलावा छात्रों को अन्य जरूरी वस्तुएं भी दी जाती हैं। मदरसों में मिड डे मील और किताबे फ्री मिलती हैं. ऐसे में सरकार ने छात्रवृत्ति बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, 9वीं और 10वीं के छात्रों को छात्रवृत्ति पहले की तरह ही मिलती रहेगी. उनके आवेदन लिए जाएंगे। 

बताया जा रहा है कि पिछले साल राज्य के 16558 मदरसों में 4 से 5 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति मिली थी। इस बार भी नवंबर में मदरसों के बच्चों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने अचानक छात्रवृत्ति बंद करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने पहले ही छात्रवृत्ति बंद कर दी है।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने हाल ही में मदरसों के सर्वे कराए थे। इसमें 8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं। सर्वे के दौरान इन मदरसों के आय का स्रोत जकात (दान) बताया गया है। ऐसे में अब यूपी सरकार मदरसों के आय के स्रोत की जांच करवाने की तैयारी कर रही है।

बता दें कि छात्रवृत्ति के लिए 15 नवंबर तक आवेदन मांगे गए थे। संस्थानों की ओर से सत्यापन के बाद आवेदन फारवर्ड भी कर दिए गए हैं। अब इसकी हार्ड कॉपी की मांग की गई थी, लेकिन अचानक प्रक्रिया रोक दी गई। अब सिर्फ नौवीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों के आवेदनों की ही हार्ड कॉपी जमा की जाएगी।

कोई मदरसा अवैध, गैर कानूनी नहीं
इससे पहले राज्य में चल रहे मदरसा सर्वे को लेकर बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा था कि ये सर्वे कोई जांचु नहीं थी और ना ही कोई मदरसा फर्जी, नकली या गैरकानूनी है। उन्होंने आगे कहा कि सर्वे का मकसद मदरसों में सुधार था। मदरसा मैनेजमेंट को जारी किए गए एक पैगाम में उन्होंने कहा कि सरकारें वक्त-वक्त पर सर्वे कराती हैं। इससे पहली सरकारों के दौरान काए गए सर्वे सुधार के मकसद से नहीं होते थे, इसीलिए उनकी चर्चा नहीं होती थी। 

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