चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा नासा का ओरियन कैप्सूल, बनाएगा नया रिकॉर्ड
पचास साल पहले नासा के अपोलो कार्यक्रम के बाद से यह पहली बार है जब कोई कैप्सूल चंद्रमा पर पहुंचा है
कैनवेरल (अमेरिका)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का ओरियन कैप्सूल चंद्रमा के चारों ओर हजारों मील की दूरी तक फैली एक विहंगम कक्षा में प्रवेश कर गया है। कैप्सूल और इसमें रखी तीन परीक्षण डमी ने प्रक्षेपण के एक सप्ताह से अधिक समय बाद चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। यह लगभग एक सप्ताह तक इस व्यापक लेकिन स्थिर कक्षा में रहेगा।
LIVE NOW: The @NASA_Orion spacecraft is performing a burn to enter a distant retrograde orbit around the Moon, an orbit that is high altitude from the surface of the Moon and opposite the direction of the Moon travels around Earth. #Artemis https://t.co/gknxQkBWFc
— NASA (@NASA) November 25, 2022
यह शुक्रवार तक पृथ्वी से 2,38,000 मील (3,80,000 किलोमीटर) दूर था और इसके आगामी कुछ दिन में करीब 2,70,000 मील (4,32,000 किलोमीटर) की अधिकतम दूरी पर पहुंच जाने की उम्मीद है। यह लोगों को ले जाने के लिए बनाए गए कैप्सूल द्वारा तय की गई दूरी का नया रिकॉर्ड बनाएगा। ओरियन के प्रबंधक जिम जेफ्रे ने कहा, 'इसका मकसद आगे जाने के लिए खुद को चुनौती देना, लंबे समय तक बने रहना तथा जो हमने पहले खोजा है उसकी सीमा से आगे बढ़ना है।'
Talk about showing both sides of the story. Nice frontback, Orion.
— NASA (@NASA) November 25, 2022
On flight day 9, @NASA_Orion took these images looking forward to the Moon, and back home toward Earth.
More full-res images: https://t.co/pUudalErEr
Track #Artemis I in real time: https://t.co/fCVt3jyqwy pic.twitter.com/bnY0uXbWnh
पचास साल पहले नासा के अपोलो कार्यक्रम के बाद से यह पहली बार है जब कोई कैप्सूल चंद्रमा पर पहुंचा है और चार अरब डॉलर की लागत वाली यह परीक्षण उड़ान काफी महत्वपूर्ण है। कैप्सूल ने 16 नवंबर को फ्लोरिडा स्थित केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से नासा के अब तक के सर्वाधिक शक्तिशाली रॉकेट के जरिए उड़ान भरी थी। इस मिशन के सफल होने पर नासा 2024 में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद के आसपास भेजने के मिशन को अंजाम देगा। इसके बाद नासा 2025 में एक यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारने की कोशिश करेगा।
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