भारतीय अर्थव्यवस्था ‘मध्यम-तेज’ रफ्तार से बढ़ेगी, महंगाई नीचे आएगी: वित्त मंत्रालय

भारतीय अर्थव्यवस्था ‘मध्यम-तेज’ रफ्तार से बढ़ेगी, महंगाई नीचे आएगी: वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर मौद्रिक नीति में आक्रामक रुख के बावजूद व्यापक आर्थिक स्थिरता के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में मध्यम-तेज रफ्तार से बढ़ने के लिए अच्छी स्थिति में है। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि खरीफ की फसल की आवक के साथ आने वाले महीनों में मुद्रास्फीतिक दबाव कम होगा और साथ ही कारोबार की संभावनाओं में सुधार के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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मंत्रालय की अक्टूबर 2022 के लिए मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में साथ ही आगाह किया गया है कि अमेरिका की सख्त मौद्रिक नीति भविष्य का एक जोखिम है। इससे शेयर बाजार में गिरावट, मुद्राओं की विनियम दर में कमजोरी और बॉन्ड पर प्रतिफल ऊंचा हो सकता है। 

रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक स्तर आर्थिक वृद्धि के अनुमान में तेजी से गिरावट, उच्च मुद्रास्फीति और बिगड़ती वित्तीय स्थिति ने वैश्विक मंदी की आशंका को बढ़ाया है। साथ ही वैश्विक स्तर मंदी का भारत के निर्यात कारोबार पर अप्रत्यक्ष प्रभाव भी पड़ सकता है। हालांकि, लचीली घरेलू मांग, मजबूत वित्तीय प्रणाली और पुन: सक्रिय निवेश चक्र के साथ संरचनात्मक सुधार आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया, एक तरफ जहां दुनिया में सख्त मौद्रिक नीति ने आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कमजोर किया है, दूसरी तरफ व्यापक आर्थिक स्थिरता से भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में मध्यम गति से बढ़ने के लिए अच्छी स्थिति में दिखाई दे रही है। 

मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अबतक सरकार ने देश की खाद्य सुरक्षा चिंताओं को दूर कर किया है और इसपर सरकार प्राथमिकता से ध्यान दे रही है। रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिंस कीमतों में कमी और नई खरीफ फसल की आवक भी आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में मदद करेगी।

इस साल फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद आपूर्ति श्रृंखला में मुख्य रूप से व्यवधान के कारण देश में थोक और खुदरा मुद्रास्फीति साल के ज्यादातर समय में उच्चस्तर पर बनी रही। हालांकि, इसमें अक्टूबर में कमी आई है। उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन आवश्यक कृषि वस्तुओं के सबसे महत्वपूर्ण उत्पादकों में से हैं। इसमें गेहूं, मक्का, सूरजमुखी के बीज और उर्वरक जैसा कच्चा माल भी शामिल है। 

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