लखनऊ :  निदेशक का पक्ष सुनने के बाद मान्यता पर होगा फैसला

नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन ने आयुर्वेद निदेशक को भेजा पत्र

लखनऊ :  निदेशक का पक्ष सुनने के बाद मान्यता पर होगा फैसला

राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के चार विभागों की मान्यता रद्द होने के मामले में भेजा है पत्र

अमृत विचार, लखनऊ । राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के चार विभागों की मान्यता की तस्वीर अगले सप्ताह साफ हो सकेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 में दाखिले की अनुमति भी इसके बाद मिल सकती है। नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) ने आयुर्वेदिक निदेशक को 22 नवंबर को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है।

दरअसल,राजधानी के टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के चार विभागों मान्यता रद्द कर दी गई थी। जिससे पीजी की सीटों पर खतरा मंडराने लगा । मान्यता रद्द होने से पीजी की सीटों पर दाखिले नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के अन्य कालेजों में भी यूजी व पीजी के कई विभागों की मान्यता रद हुई थी। आयुर्वेद निदेशक ने एनसीआईएसएम के इस फैसले को लेकर अपील की थी। इसी पर एनसीआईएसएम ने आयुर्वेद निदेशक को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है।

भारत सरकार के नेशनल कमीशन फॉर इण्डियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन की टीम ने राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय समेत प्रदेश के अन्य कालेजों का निरीक्षण किया था। जिसके बाद कालेज में मौजूदा संसाधनाें व व्यवस्थाओं का पूरा ब्योरा एकत्र किया। इसी निरीक्षण के दौरान राजधानी स्थित राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में शिक्षकों की संख्या कालेज में मानक के अनुरूप न मिलने पर चार विभागों रचना शरीर ,क्रिया शारीर,कौमारभृत्य, आयुर्वेद संहिता और सिद्धांत विषय विभागों की मान्यता रद करने की बात सामने आई थी।

आयुर्वेद निदेशक डॉ.पीसी.सक्सेना ने बताया है कि लखनऊ स्थित राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में चार विभागाें में पीजी के दाखिले की अनुमति नहीं मिली है। इसके अलावा प्रदेश के और भी कालेज है वहां पर भी किसी न किसी वजह से यूजी व पीजी की मान्यता प्रभावित हुई है।

 जिसके बाद एनसीआईएसएम से यह अपील की गई थी कि जल्द ही संविदा पर भर्ती कर लखनऊ स्थित राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जायेगा। इसके अलावा अन्य कालेजों में जो कमियां हैं,उनकों भी आने वाले सत्र तक ठीक कर लिया जायेगा। जिसके बाद एनसीआईएसएम के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए 22 नवंबर का समय मिला है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि छात्रों के भविष्य को देखते हुये एनसीआईएसएम से एक मौका जरूर मिलेगा।

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