बांदा : श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से मृत्योपरांत खुलते मोक्ष के द्वार 

बांदा : श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से मृत्योपरांत खुलते मोक्ष के द्वार 

अमृत विचार, बांदा। कथा व्यास ने श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन कहा कि इस कथा को सुनाने वाले कथा व्यास और श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं को मृत्योपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिये हर किसी को यह कथा जीवन में कम से कम एक बार अवश्य सुननी चाहिये। 

शहर के मोहल्ला छावनी में सोमवार से आरंभ हुई श्रीमद्भागवत कथा से पहले विशाल भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा बाकरगंज से रामलीला मैदान, महेवरी देवी मंदिर होते हुए बलखंडीनाका और पद्माकर चौराहा होते हुए शोभायात्रा पुन: कथा स्थल वापस आ गई।

राजा इलेक्ट्रॉनिक्स में डॉक्टर मनोज कुमार शिवहरे और डॉक्टर प्रमोद कुमार शिवहरे ने कथा व्यास और परीक्षित का शाल ओढ़ाकर और शोभायात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। कथा व्यास आचार्य विष्णु गोस्वामी ने प्रथम दिन कथा का महात्म्य सुनाते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा साक्षात् श्रीकृष्ण के दर्शन ही हैं। यह कथा सात दिनों में होती है, जो पूरे जीवन की परिचायक है, क्योंकि जीवन सात दिनों से पृथक नहीं किया जा सकता।

बताया कि इस कथा को सुनने से परलोक संवरता है। कथा कहने और सुनने वाले दोनों को ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा परीक्षित के रूप में मन्नूलाल गुप्ता व राजदुलारी गुप्ता कथा श्रवण कर रही हैं। शोभायात्रा में संजय गुप्ता,शरद गुप्ता,कीर्ति गुप्ता,प्रशांत गुप्ता,इंद्र प्रकाश गुप्ता,श्याम ओमर आदि उपस्थित रहे। कथा आगामी 20 नवंबर तक चलेगी। पूर्णाहुति के बाद 21 नवंबर को प्रसाद व भंडारे का कार्यक्रम होगा।