बरेली: 15 लाख का ठेका, नखाशा न लगने पर सात लाख माफ, जानें क्या है पूरा मामला?

बरेली, अमृत विचार। रामगंगा चौबारी मेला शुरू हो गया है। छोटी-बड़ी करीब 400 दुकानें मेला परिसर में विभिन्न आइटमों की लगाई गईं हैं। इन दुकानों में से किसी दुकानदार से 100 रुपये तो किसी से 200, झूले समेत अन्य बड़ी दुकानों से 200 से अधिक रुपये भी वसूल किए जाएंगे। मेले का ठेका 15 लाख …
बरेली, अमृत विचार। रामगंगा चौबारी मेला शुरू हो गया है। छोटी-बड़ी करीब 400 दुकानें मेला परिसर में विभिन्न आइटमों की लगाई गईं हैं। इन दुकानों में से किसी दुकानदार से 100 रुपये तो किसी से 200, झूले समेत अन्य बड़ी दुकानों से 200 से अधिक रुपये भी वसूल किए जाएंगे। मेले का ठेका 15 लाख रुपये में हुआ था।
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लंपी स्किन रोग के चलते इस बार मेला में नखाशा (पशु मेला) नहीं लगने दिया गया। इस वजह से मेला प्रबंधक को करीब पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ। हर बार पशु मेले से इतनी रकम वसूल की जाती है। पशु मेला लगाने की अनुमति नहीं मिलने पर मेला प्रबंधक घबरा गए कि 15 लाख रुपये की रकम कैसे जमा करेंगे।
यह बात मेला प्रबंधक ने जिलाधिकारी के समक्ष रखी और रकम जमा करने में असमर्थता जताई। पहली बार ऐसा हुआ है कि तय ठेके की रकम से सात लाख रुपये की रकम माफ कर दी गई। डीएम के आदेश पर अब मेला प्रबंधक को सिर्फ 8 लाख रुपये की रकम ही जमा करनी है। इधर मेले में बड़े-बड़े झूले मानकों के अनुसार नहीं लगाए। जो झूले थे उनमें रबड़ें कमजोर थीं।
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बड़े झूलों के निरीक्षण में यह खामियां पकड़ीं। इस पर झूला संचालकों को नोटिस जारी कर दिया कि बिना मानक पूरे किए झूलों का संचालन नहीं किया जा सकता है। इससे झूला संचालकों में खलबली मच गई। खामियां दुरुस्त करने के बाद झूला संचालन को एनओसी जारी की गई। इधर कलेक्ट्रेट में मेला प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारियों ने बातचीत में बताया कि मेला परिसर में करीब 400 दुकानें लगी हैं। नखाशा नहीं लगा है। जहां पहले लगता था अब वहां पर फोर्स तैनात की गई है। उन्हें 8 लाख रुपये ही जमा करना है।
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