बरेली: धान के नुकसान का आकलन कर तय की जाएगी छूट, निर्देश जारी
बरेली, अमृत विचार। धान की खरीद शुरू हुए एक महीना बीत चुका है। सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों से धान खरीद की रफ्तार बेहद धीमी है। जिसकी वजह बारिश से धान खराब हुआ है। यही वजह है कि अधिकतर किसान या तो धान मंडियों में लेकर नहीं आ रहे हैं। या फिर उनका धान नहीं …
बरेली, अमृत विचार। धान की खरीद शुरू हुए एक महीना बीत चुका है। सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों से धान खरीद की रफ्तार बेहद धीमी है। जिसकी वजह बारिश से धान खराब हुआ है। यही वजह है कि अधिकतर किसान या तो धान मंडियों में लेकर नहीं आ रहे हैं। या फिर उनका धान नहीं खरीदा जा रहा है।
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मौजूदा समय में खराब धान खरीदने की छूट पांच प्रतिशत तक है। इसलिए किसानों को अधिक राहत देने के लिए शासन ने क्षतिग्रस्त धान की एक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। आरएफसी व एफसीआई द्वारा अपनी रिपोर्ट तैयार की गई है। जिसके आधार पर कृषि विभाग एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा और फिर शासन से छूट दी जाएगी।
लक्ष्य के सापेक्ष मंगलवार तक पूरे मंडल में महज 2.43 प्रतिशत ही खरीद हो पाई थी। बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं में 22045 मीट्रिक टन ही धान की खरीद हो पाई थी। बारिश के कारण खराब हुए धान की गुणवत्ता प्रभावित होने की बात करें तो बड़ी मात्रा में धान खराब निकल रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में संपूर्ण आकलन करने के बाद शासन स्तर से ही अंतिम फैसला लिया जाना है। आरएमओ सचिन कुमार ने बताया कि धान क्रय केंद्रों पर आने वाले अधिकांश किसानों का धान खरीदा जा रहा है, जिन किसानों का धान बहुत खराब नहीं है तो उन्हें वापस नहीं लौटाया जा रहा है। बारिश के कारण धान की गुणवत्ता प्रभावित हुई है, लेकिन इसमें तय छूट के अलावा कितनी छूट दी जाएगी। इसको लेकर फिलहाल शासन की तरफ से निर्देश नहीं मिले हैं।
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