मथुरा: बारिश से हुए नुकसान का सर्वे पूरा न होने पर किसानों का धरना, सौंपा ज्ञापन

मथुरा, अमृत विचार। जनपद में तीन दिन तक हुई लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। रही सही कसर प्रशासनिक अधिकारी सर्वे के नाम पर किसानों को बेवकूफ बनाकर पूरी कर रहे हैं। अधिकारियों द्वारा किए जा रहे किसान विरोधी कार्य से किसानों में आक्रोश है। यह भी पढ़ें- मथुरा: जिले …
मथुरा, अमृत विचार। जनपद में तीन दिन तक हुई लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। रही सही कसर प्रशासनिक अधिकारी सर्वे के नाम पर किसानों को बेवकूफ बनाकर पूरी कर रहे हैं। अधिकारियों द्वारा किए जा रहे किसान विरोधी कार्य से किसानों में आक्रोश है।
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गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकडों की संख्या में किसान जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। किसानों ने यहां नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी को संबोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन एडीएम प्रशासन को सौंपा। साथ ही एक सप्ताह के अंदर बारिश से हुए नुकसान का सर्वे कार्य पूरा न होने पर कलेक्ट्रेट पर धरना और प्रदर्शन की चेतावनी भी दी।
किसानों को संबोधित करते हुए भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता गजेंद्र सिंह परिहार ने कहा कि मथुरा में शत प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है। खेतों में चार चार फीट पानी भरा हुआ है। सरकार ट्रैक्टर पर अंकुश लगाकर किसानों को कमजोर कर रही है। गौवंश से किसान इतना परेशान है कि पूरी रात फसल की रखवाली करनी पड़ रही है। किसान बीमा का पैसा किसानों को नहीं मिल रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष बुद्धा सिंह प्रधान ने कहा कि पूर्व में ओलावृष्टि एवं बारिश के कारण बारिश हुए नुकसान की सर्वे रिपोर्ट गलत तरीके से बनाकर भेजी गई है। इस बार किसान यूनियन ऐसा कुछ नहीं होने देगी। इस बार की बारिश ने किसानों की हालत बद से बदतर कर दी है।
उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि इस बार की सर्वे रिपोर्ट में गड़बड़ी न हो इसलिए सर्वे करने वाली टीम में किसान प्रतिनिधि मंडल को साथ लिया जाए। साथ ही किसान यूनियन के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर सर्वे रिपोर्ट का खुलासा किया जाए। आगरा मंडल अध्यक्ष रनवीर सिंह चाहर ने कहा कि अति वर्षा के कारण पूरे प्रदेश का किसान दुखी है। किसानों की कमर टूट चुकी है खेतों में 3 से 4 फीट पानी भरा हुआ है।
किसान खून के आंसू रो रहा है। धान की खेती पूरी तरह से पानी में डूबी हुई है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की कि तहसील स्तर पर होने वाले नुकसान के सर्वे में किसान यूनियन को शामिल किया जाए। इस दौरान चौधरी कृष्ण वीर सिंह, छत्रपाल, वासुदेव, गंभीर सिंह, जगदीश परिहार, माया चौधरी समेत सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे।
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