THE रैंकिंग: IISc शीर्ष 300 में एकमात्र शामिल भारतीय विश्वविद्यालय
नई दिल्ली। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) ने टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में अपने स्थान में सुधार किया है और वह शीर्ष 300 की सूची में जगह बनाने वाला एकमात्र भारतीय विश्वविद्यालय रहा। ये भी पढ़ें:-मिशन गुजरात: BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की गौरव यात्रा की शुरुआत, बोले- ये भारत के गौरव …
नई दिल्ली। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) ने टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में अपने स्थान में सुधार किया है और वह शीर्ष 300 की सूची में जगह बनाने वाला एकमात्र भारतीय विश्वविद्यालय रहा।
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कई IIT का टीएचई रैंकिंग को बहिष्कार
बहरहाल, कई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) ने टीएचई रैंकिंग के मापदंडों और पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए लगातार तीसरे साल इसका बहिष्कार किया। भारत के 75 संस्थानों ने 2023 की रैंकिंग में जगह बनाई, जबकि इससे पहले 2020 में 56 और 2017 में 31 भारतीय संस्थान इसमें शामिल किए गए थे।
NIRF और QS में निचले पायदान के उच्च शिक्षा संस्थानों का प्रदर्शन बेहतर
भारत के नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) और क्यूएस (क्वाक्यूरेली साइमंड्स) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में जो विश्वविद्यालय निचले स्थानों पर रहे थे, उन्होंने टीएचई की रैंकिंग में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसके कारण इसके मापदंडों एवं पारदर्शिता पर और सवाल खड़े हो गए हैं।
THE और QS उच्च शिक्षा के प्रतिष्ठित सर्वेक्षण
टीएचई और क्यूएस दुनिया में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दो सबसे प्रतिष्ठित सर्वेक्षण माने जाते हैं। जिन देशों के सबसे ज्यादा विश्वविद्यालय टीएचई रैंकिंग में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं, उनमें भारत छठे स्थान पर है। छह नए भारतीय विश्वविद्यालयों ने इस साल रैंकिंग में अपना खाता खोला और उन्होंने 351 से 400 के बीच का स्थान हासिल किया। इन छह विश्वविद्यालयों में शूलिनी जैव प्रौद्योगिकी और प्रबंधन विज्ञान विश्वविद्यालय शामिल हैं।
IIT गुवाहाटी की रैंकिंग फिसली
आईआईटी गुवाहाटी ने 2020 की रैंकिंग में जगह बनाई थी और वह इस साल 1001 से 1200 के बीच के विश्वविद्यालयों में शामिल रहा। टीएचई के ‘चीफ नॉलेज ऑफिसर’ फिल बैटी ने कहा कि भारत के नीति निर्माताओं ने वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था नेटवर्क में शामिल होने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को समझ लिया है कि देश के विश्वविद्यालय दुनिया के सबसे अच्छे विश्वविद्यालयों के साथ प्रतिस्पर्धा करें, उनका सहयोग करें और खुद के मापदंड तय करें। उन्होंने कहा कि आंकड़े दिखाते हैं कि (भारत की) नीति सफल हो रही है और यह वास्तविक बदलाव ला रही है।
NIRF के टॉप Universities THE रैंकिंग से गायब
बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और जेएनयू, जामिया या दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालय पारंपरिक रूप से वैश्विक और राष्ट्रीय रैंकिंग में भारतीय संस्थानों में शीर्ष पर रहते हैं, लेकिन 2000 के बाद से ये शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थान टीएचई रैंकिंग से गायब हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी शीर्ष पर काबिज
सात आईआईटी-बंबई, दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास और रुड़की-ने 2020 में टीएचई रैंकिंग में शामिल नहीं होने का फैसला किया था और उसकी पारदर्शिता एवं मापदंडों पर सवाल उठाए थे। आईआईटी-गुवाहाटी ने इस साल फिर से रैंकिंग में हिस्सा लिया। वैश्विक स्तर पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लगातार सातवें साल शीर्ष स्थान पर रही। इस साल 104 देशों और क्षेत्रों के 1,799 विश्वविद्यालयों की टीएचई रैंकिंग की गई है।
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