छोटी कंपनियां गिफ्ट सिटी का उपयोग कर दो जगह सूचीबद्धता पर विचार करें: गोयल
नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को छोटी कंपनियों से पूंजी जुटाने का विकल्प बढ़ाने के लिये गिफ्ट सिटी का उपयोग कर ‘दोहरी सूचीबद्धता’ पर विचार करने को कहा। मंत्री ने कहा कि छोटी कंपनियों के पास गांधीनगर के गिफ्ट सिटी में मुख्य शेयर बाजार के एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) …
नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को छोटी कंपनियों से पूंजी जुटाने का विकल्प बढ़ाने के लिये गिफ्ट सिटी का उपयोग कर ‘दोहरी सूचीबद्धता’ पर विचार करने को कहा। मंत्री ने कहा कि छोटी कंपनियों के पास गांधीनगर के गिफ्ट सिटी में मुख्य शेयर बाजार के एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) मंचों पर सूचीबद्ध होने का विकल्प है।
ये भी पढ़ें- SBI 746 करोड़ रुपये की वसूली के लिए करेगा एनपीए खातों की नीलामी
बीएसई के एसएमई मंच पर 400वीं कंपनी के सूचीबद्ध होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पूंजी जुटाने के और विकल्पों पर गौर करने की जरूरत है। इससे छोटी कंपनियों को गति मिल सकती है। गोयल ने कहा, आप गिफ्ट सिटी में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र पर गौर कर सकते हैं। हमें यह भी देखने की जरूरत है कि क्या हम इन कंपनियों में से कुछ को गिफ्ट सिटी मंच पर सूचीबद्ध होने या मुंबई और गिफ्ट सिटी में दोहरी सूचीबद्धता की संभावना टटोलने के लिये प्रोत्साहित कर सकते हैं?
उन्होंने कहा कि दोहरी सूचीबद्धता से घरेलू पूंजी के साथ-साथ उन कंपनियों से अंतरराष्ट्रीय कोष जुटाने में मदद मिलेगी, जो वहां अपनी इकाई स्थापित कर चुकी हैं या उसकी प्रक्रिया में है। गोयल ने कहा, एसएमई मंच की काफी संभावना है और हमें इसके बेहतर तरीके से प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान देने की जरूरत है। हमें और घरेलू निवेशकों के साथ अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को जोड़ने की आवश्यकता है।
उन्होंने इसका भी जिक्र किया कि 150 छोटी कंपनियां पहले एसएमई मंच पर सूचीबद्ध हुईं और अब वे मुख्य मंच पर कारोबार कर रही हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार ने महामारी से प्रभावित छोटे उद्यमों को व्यवस्थित तरीके से पटरी पर लाने के लिये ईसीएलजीएस (आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना) और ट्रेड्स (व्यापार प्राप्त छूट प्रणाली) के साथ कई उपाय किये हैं।
स्टार्टअप के बारे में उन्होंने कहा कि देश में इस समय में 100 से अधिक यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर या उससे अधिक मूल्यांकन वाले) और 70 से 80 सूनीकॉर्न हैं जो यूनिकॉर्न बनने के रास्ते पर हैं। ‘सूनीकॉर्न’ उन स्टार्टअप को कहते हैं, जिनमें यूनिकॉर्न बनने की क्षमता और संभावना है।
ये भी पढ़ें- Paytm के ऋण वितरण की वार्षिक दर सितंबर में 34,000 करोड़ रुपए