मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान की जताई आशंका, जारी की चेतावनी

लखनऊ। मौसम विभाग प्रमुख डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार अगले चार दिनों में 50 मिमी बारिश और होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पहले इस चक्रवात का असर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों से लेकर लखनऊ होते हुए कानपुर तक ही होने की संभावना थी, लेकिन अब यह बढ़कर आगरा होते हुए दिल्ली तक पहुंच गया है। ऐसे में अब यह संकेत मिल रहे हैं कि …
लखनऊ। मौसम विभाग प्रमुख डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार अगले चार दिनों में 50 मिमी बारिश और होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पहले इस चक्रवात का असर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों से लेकर लखनऊ होते हुए कानपुर तक ही होने की संभावना थी, लेकिन अब यह बढ़कर आगरा होते हुए दिल्ली तक पहुंच गया है। ऐसे में अब यह संकेत मिल रहे हैं कि बारिश पूरे महीने खिंच सकती है।
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इस महीने के पहले सप्ताह में विदा होने वाले मानसून के नोरू चक्रवात की वजह से पूरी महीने तक बने रहने की संभावना है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल 12 अक्तूबर तक बारिश का सिलसिला चल सकता है। उसके बाद भी पूरे महीने बूंदाबांदी व तेज बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता।
इस महीने अभी तक पूर्व निर्धारित बारिश का रिकॉर्ड टूट चुका है। सीएसए मौसम विभाग के अनुसार अक्तूबर में निर्धारित 41.2 मिमी मानी गई है, जबकि अभी तक एक सप्ताह में ही 60 मिमी से ज्यादा बरसात हो चुकी है। स्थानीय मौसम विभाग प्रमुख डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार अगले चार दिनों में 50 मिमी बारिश और होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि पहले इस चक्रवात का असर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों से लेकर लखनऊ होते हुए कानपुर तक ही होने की संभावना थी, लेकिन अब यह बढ़कर आगरा होते हुए दिल्ली तक पहुंच गया है। ऐसे में अब यह संकेत मिल रहे हैं कि बारिश पूरे महीने खिंच सकती है। इस बीच तीन दिनों में अधिकतम तापमान चार डिग्री कम होकर 28.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 22.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
पिछले कुछ वर्षों में अक्तूबर में बारिश
2009 में 45 मिमी
2010 से लेकर 2015 तक : शून्य
2016 में : 20 मिमी
2017 से लेकर 2021 तक: शून्य
2022 में अभी तक : 60.2 मिमी
24 घंटे की बारिश रिकार्ड करता है सीएसए
सीएसए के मौसम विभाग प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि 24 घंटे की बारिश की रिकार्ड किया जाता है। एक दिन सुबह आठ बजे से अगले दिन सुबह आठ बजे तक रिकार्ड किया जाता है। उसके बाद जो बारिश होती है उसे अगले दिन में जोड़ी जाती है। इस तरह शनिवार को सुबह आठ बजे से रविवार सुबह आठ बजे तक हुई बारिश को रविवार में जोड़ा जाएगा।
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