गोंडा: जब… फार्च्यूनर कार पर सवार हो युद्ध के लिए पहुंचा रावण

अमृत विचार, गोंडा। त्रेतायुग में जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का रावण से युद्ध हुआ था तो रावण पुष्पक विमान पर सवार होकर भगवान से युद्ध करने के लिए गया था। यह कहानी हम सभी ने श्रीरामचरित मानस में पढ़ी है। यह रावण के अहंकार का ही प्रमाण था कि भगवान के पैदल होने के …
अमृत विचार, गोंडा। त्रेतायुग में जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का रावण से युद्ध हुआ था तो रावण पुष्पक विमान पर सवार होकर भगवान से युद्ध करने के लिए गया था। यह कहानी हम सभी ने श्रीरामचरित मानस में पढ़ी है। यह रावण के अहंकार का ही प्रमाण था कि भगवान के पैदल होने के बावजूद वह पुष्पक विमान पर सवार था। समय अब भले ही त्रेतायुग से कलयुग तक पहुंच गया हो लेकिन रावण का अहंकार आज भी वैसा ही है यह बुधवार को गोंडा शहर में देखने को मिला जब राम से युद्ध के लिए रावण फार्च्यूनर कार की छत पर सवार होकर युद्ध के मैदान में पहुंच गया। एक हाथ में छाता और दूसरे में तलवार लिए रावण और उसके विमान के इस आधुनिक अवतार को देखकर लोग दंग रह गए। रामलीला मैदान में घुटनों तक भरे पानी के बीच अनोखे अंदाज में राम रावण का युद्ध हुआ और फिर राम ने अंहकारी रावण को मारकर लंका पर ऐतिहासिक विजय प्राप्त की।
बुधवार को जिले में हुई भीषण बरसात के कारण रामलीला का कार्यक्रम प्रभावित हुआ। बरसात के कारण पूरे जिले में रावण दहन का कार्यक्रम नहीं हो सका जिससे लोगों को निराशा हाथ लगी। हालांकि इसी बीच शहर के पंतनगर स्थित रामलीला मैदान में बुरा राम रावण का अनोखा युद्ध पूरे जिसे में चर्चा का केंद्र बना। दरअसल बरसात के कारण रावण दहन का कार्यक्रम तो प्रभावित हुआ ही राम रावण युद्ध का मंचन भी नहीं हो सका। लेकिन पंतनगर की रामलीला कमेटी ने हार नहीं मानी और राम रावण युद्घ का मंचन अनोखे अंदाज में कराया।
त्रेतायुग में पुष्पक विमान का मालिक रहा रावण बुधवार को फार्च्यूनर कार की छत पर खड़ा होकर युद्ध के लिये रामलीला मैदान पहुंचा। रावण के एक हाथ में छाता तो दूसरे हाथ में तलवार थी। डीजे पर जोरदार ढंग से बजता “दशानन रावण हूं मैं” का गीत और कार की छत पर खड़े होकर दोनो हाथ फैलाए रावण का यह रूप देख लोग दंग रह गए। फिर बरसात के बीच घुटनों तक भरे पानी में राम रावण का भयंकर युद्ध हुआ। इस युद्ध को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग भीगते हुए खड़े रहे। युद्ध के अंत में राम ने अंहकार से भरे रावण का वध कर लंका पर ऐतिहासिक विजय प्राप्त की। राम रावण का यह अनोखा युद्ध पूरे जिले में चर्चा का केंद्र रहा।
बरसात ने दशहरे के उल्लास पर लगाया ग्रहण, नहीं हो सका रावण दहन
गोंडा। बुधवार को हुई भारी बरसात ने रावण दहन कार्यक्रम पर पानी फेर दिया। बरसात के कारण रावण नहीं हो सका। जिले भर में 32 स्थानों पर रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित होना था लेकिन बरसात ने सभी की आशाओं पर ग्रहण लगा दिया और लोगों को बिना रावण दहन देखे ही वापस लौटना पड़ा।
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