अयोध्या: मंदिर से योगी की मूर्ति व पुजारी के गायब होने का रहस्य बरकरार, शिकायतकर्ता को मिली धमकी

अयोध्या। सुर्खियों में आए योगी के मंदिर से मूर्ति और पुजारी के दोनों के गायब होने का रहस्य अभी भी बरकरार है। मूर्ति पुलिस नहीं ले गई तो कौन ले गया.? इसे लेकर सवाल 24 घंटे बाद भी अनुत्तरित हैं। मंदिर के पुजारी प्रभाकर मौर्य भी रविवार से अभी तक गांव नहीं लौटे हैं। वे …

अयोध्या। सुर्खियों में आए योगी के मंदिर से मूर्ति और पुजारी के दोनों के गायब होने का रहस्य अभी भी बरकरार है। मूर्ति पुलिस नहीं ले गई तो कौन ले गया.? इसे लेकर सवाल 24 घंटे बाद भी अनुत्तरित हैं। मंदिर के पुजारी प्रभाकर मौर्य भी रविवार से अभी तक गांव नहीं लौटे हैं। वे कहां है यह कोई नहीं बता पा रहा है। इसी बीच आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि अपनी भूमि से कब्जेदारों की बेदखली के लिए तहसील प्रशासन को पत्र भेजा जाएगा।

दूसरी ओर भूमि कब्जे की शिकायत करने वाले रामनाथ मौर्य ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर यह शिकायत दी है कि प्रभाकर मौर्य ने उन्हें और परिवार को धमकी दी है। इसके लिए उन्होंने सुरक्षा की मांग उठाई है। बता दें कि रामनाथ की शिकायत को अमृत विचार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिस पर एसडीएम ने जांच के आदेश दिए थे। इसी के चलते रविवार होने के बाद भी राजस्व टीम गांव पहुंची थी और पैमाइश शुरू की थी। इसी दौरान पुलिस द्वारा योगी मंदिर से मूर्ति उठा ले जाने का मामला सामने आ गया। जिसे लेकर रविवार को पूरे दिन हडकंप मचा रहा।

योगी मंदिर से मूर्ति के गायब होने के बाद अभी तक यही नहीं पता चल पा रहा है कि आखिर मूर्ति कौन ले गया। ग्रामीणों का पूरी तरह से दावा है कि मूर्ति पुलिस ले गई जबकि पुलिस अभी तक इससे इंकार कर रही है। लाख टके का सवाल यह है कि पुलिस मूर्ति नहीं ले गई तो कौन ले गया, गांव वाले क्यों कह रहे हैं पुलिस मूर्ति ले गई है। यह रविवार को ही पुष्ट हो गया था कि मंदिर में मूर्ति नहीं है।

मंदिर में जिस स्थल पर मूर्ति लगी थी वहां की दीवाल अब पूरी तरह से खाली है इसके साथ ही चांदी का छत्र और अन्य सामाग्री भी नहीं है। लोगों को अंदर कुछ दिखाई न दे इसके लिए बाकायदा काली व सफेद धारीदार एक पर्दा तक दरवाजे पर लगा दिया गया है। यह सब किसने अंजाम दिया इसका भी जवाब देने वाला कोई नहीं है। वहीं सोमवार को पैमाइश नहीं हो सकी। तहसील प्रशासन का कहना है कि एक पक्ष के न होने के कारण पैमाइश नहीं की गई है। मंगलवार को पुनः टीम गांव भेजी जायेगी।

कृषि विश्वविद्यालय तहसील प्रशासन को भेजेगा पत्र
कल्याण भदरसा गांव में बनाए गए योगी मंदिर स्थल पर रविवार को हुई पैमाइश में भूमि आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के नाम दर्ज होने की जानकारी सामने आई थी। कानूनगो दयाराम वर्मा ने बताया था कि प्रारंभिक जांच में भूमि कृषि विश्वविद्यालय के नाम दर्ज मिली है। इसे लेकर सोमवार को जब विश्विद्यालय के सम्पत्ति अधिकारी डा सीताराम मिश्रा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि भूमि से अवैध कब्जेदार की बेदखली के लिए तहसील प्रशासन को लिखा जायेगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की भूमि पर मंदिर कब और कैसे बना इसकी जानकारी नहीं है। यह पूरा मामला सोमवार को ही प्रकाश में आया है इसलिए विश्विद्यालय स्तर से भी इसकी जांच कराई जायेगी।

पुलिस मूर्ति नहीं लाई है, मूर्ति कहां है नहीं बता सकते। मंदिर के कर्ताधर्ता प्रभाकर मौर्य को बुलवाया गया था लेकिन दो दिनों से वह नहीं मिल रहा है। उसके बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। उससे पूछताछ अवश्य की जायेगी …डॉ राजेश तिवारी, क्षेत्राधिकारी, अयोध्या सर्किल।

तहसील प्रशासन जांच करा रहा है। जब तक जांच नहीं पूरी हो जाती तब तक विस्तृत जानकारी दे पाना संभव नहीं है। दूसरे पक्ष का प्रभाकर मौर्य नहीं मिल रहा है। दोनों पक्षों के सामने ही पैमाइश की प्रक्रिया पूरी होगी …मनोज कुमार श्रीवास्तव, एसडीएम, सोहावल तहसील।

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