मुरादाबाद : आठ करोड़ डकारने वाले काली सूची के चार मिलर्स पर गाज
विनोद श्रीवास्तव/ मुरादाबाद, अमृत विचार। धान खरीद में गोलमाल कर आठ करोड़ का सीएमआर (कस्टम्ड मिल राइस) डकारने वाले चार राइस मिलर्स पर एक बार फिर गाज गिरी है। आरोपी धान खरीद के कार्य से वह बाहर कर दिए गए हैं। इस मामले में अधिकारियों की सख्ती से आरोपियों और उनके संरक्षणदाता सफेदपोशों में खलबली है। …
विनोद श्रीवास्तव/ मुरादाबाद, अमृत विचार। धान खरीद में गोलमाल कर आठ करोड़ का सीएमआर (कस्टम्ड मिल राइस) डकारने वाले चार राइस मिलर्स पर एक बार फिर गाज गिरी है। आरोपी धान खरीद के कार्य से वह बाहर कर दिए गए हैं। इस मामले में अधिकारियों की सख्ती से आरोपियों और उनके संरक्षणदाता सफेदपोशों में खलबली है।
- डिफाल्टर फर्म संचालकों पर दर्ज हैं मामले
- अवशेष 413.78 करोड़ के सरकारी धन की होगी वसूली
वर्ष 2020-21 में ठाकुरद्वारा क्षेत्र के चार चावल मिलर्स की फर्म ने मिल पर अवशेष सीएमआर का आठ करोड़ सरकारी धन डकार लिया था। मामला शासन स्तर पर पहुंचा तो जिलाधिकारी के आदेश पर इन फर्मों को काली सूची में डाला गया। प्राथमिकी दर्ज हुई और आरसी जारी कर दी गयी। बावजूद इसके अबकी इन मिलर्स ने इस वर्ष खरीद में शामिल होने के लिए हाथ पांव मारना शुरू कर दिया। लेकिन दाल नहीं गली पाई। राजनीितक दखल भी काम नहीं आया। इस बीच खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश शर्मा 14 सितंबर को भ्रमण पर आए थे। उन्होंने सर्किट हाउस में बैठक में विभागीय अधिकारियों की बैठक में दो टूक कहा कि एक अक्टूबर से शुरू हो रही धान खरीद में काली सूची में शामिल फर्मों को हर हाल में दूर रखा जाए। यदि ऐसा हुआ तो अधिकारी भी जिम्मेदार होंगे। इसके बाद अधिकारी और सख्त हो गए। अब विभाग ने ठाकुरद्वारा क्षेत्र की चार राइस मिल फर्मों को काली सूची में होने के चलते इस सत्र में धान खरीद से दूर कर दिया है। इनसे बकाया 413.78 करोड़ रुपये की वसूली करने में तेजी लाने का निर्णय लिया है। इससे मिलर्स में खलबली मची है व सख्त कार्रवाई से बचने के लिए जुगत में लगे हैं।
किसानों और सरकार के हित को नुकसान पहुंचाने वाले राइस मिलर्स को बख्शा नहीं जाएगा। काली सूची के मिलर्स पर कार्रवाई चल रही है। प्राथमिकी भी दर्ज है। आरसी, कुर्की की कार्रवाई के साथ ही उप जिलाधिकारी व तहसील के माध्यम से चल अचल संपत्ति से वसूली की कार्रवाई आरसी के अन्तर्गत चल रही है। ठाकुरद्वारा क्षेत्र की इन चारों राइस मिल फर्म को इस बार धान खरीद से दूर रखा गया है। शेष 413.78767 करोड़ बकाया धनराशि को हर हाल में वसूलेंगे। -राजेश्वर प्रताप सिंह, जिला खाद्य विपणन अधिकारी
यह कार्रवाई भी हुई
श्री साईं इंडस्ट्रीज व मैसर्स शिव ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ 20 नवंबर 2021 को आरसी जारी की गई थी। पिछले साल 14 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज कराकर मिलों की कुर्की हो चुकी है। नीलामी की कार्रवाई चल रही है। इसके बाकी के बकाएदारों से भी उप जिलाधिकारी व तहसीलदार ठाकुरद्वारा के द्वारा मिल के संबंधियों से चल अचल संपत्ति से वसूली की कार्रवाई चल रही है।
यह अधिकारी हैं जिम्मेदार
शासन के द्वारा जारी क्रय नीति के 21.4 बिंदु पर स्पष्ट है कि क्रय नीति के पालन न करने या कराने पर यदि शासकीय नुकसान होता है तो उसके लिए क्रय संस्था के केंद्र प्रभारी मुख्य रूप से उत्तरदायी होंगे। जबकि तहसील, जनपद, मंडल के अधिकारी भी गुण-अवगुण के आधार पर जिम्मेदार होंगे। पीसीएफ व पीसीयू की खरीद के लिए सहायक और उप निबंधक सहकारिता भी जिम्मेदार ठहराए गए हैं।
इन मिलर्स पर है बकाया है सीएमआर
क्रय संस्था राइस मिल का नाम बकाया
पीसीएफ श्री साईं इंडस्ट्रीज ठाकुरद्वारा 208.16 करोड़
पीसीएफ मेसर्स शिव ट्रेडिंग कंपनी, ठाकुरद्वारा 167.94 करोड़
एसएफसी मेसर्स श्री कृष्णा इंटरप्राइजेज ठाकुरद्वारा (रिकवरी हो चुकी)
एसएफसी मेसर्स महादेव राइस मिल ठाकुरद्वारा 37.687.67 करोड़
महायोग 413.78767 करोड़
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