अयोध्या: शिक्षक संघ ने खोला मोर्चा, स्ववित्तपोषित ने मांगा हक, कर्मचारी संगठन भी विरोध में उतरे

अयोध्या। सोमवार को अनुदानित महाविद्यालय शिक्षक संघ ने संघ भवन में पत्रकार वार्ता कर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला तो स्ववित्तपोषित शिक्षक महासंघ मूल्यांकन छोड़ नारे बाजी कर हक मांगने आ गया। उधर, शिक्षक संघ के विरोध में कर्मचारी भी उतरे और धरना प्रदर्शन किया। पत्रकार वार्ता में अनुदानित महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष …

अयोध्या। सोमवार को अनुदानित महाविद्यालय शिक्षक संघ ने संघ भवन में पत्रकार वार्ता कर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला तो स्ववित्तपोषित शिक्षक महासंघ मूल्यांकन छोड़ नारे बाजी कर हक मांगने आ गया। उधर, शिक्षक संघ के विरोध में कर्मचारी भी उतरे और धरना प्रदर्शन किया।

पत्रकार वार्ता में अनुदानित महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. बीपी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय केवल परीक्षा और मूल्यांकन में जुटा है, जिसके चलते पठन-पाठन अवरुद्ध हो गया है। मनमानी के चलते कई-कई किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं। वह भी परीक्षा की शुचिता के नाम पर जिन कॉलेजों में वह कोर्स भी नहीं और पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।

संघ को सत्र में दो बार ही परीक्षा कराने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा। मूल्यांकन व अन्य पारिश्रमिक का कई-कई माह भुगतान नहीं होता। अनियमितताओं का विरोध करने पर संबंधित को ही दंडित किया जाता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की गरिमा को बचाने के लिए बुद्धिजीवी आगे आएं। मुख्यमंत्री से मांग की कि खामियों और अनियमितताओं की सेवानिवृत्त जज से जांच करवा दोषियों को दंडित किया जाए।

स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक महासंघ ने ज्ञापन में कहा है कि संघ भवन में उनको हिस्सा दिया जाए। शिक्षक कल्याण निधि में अंशदान के मुताबिक हिस्सेदारी मिले। सचल दल से स्ववित्तपोषित शिक्षकों को षड़यत्र पूर्वक बाहर न किया जाए समेत कुल 12 मांगें शामिल हैं। ज्ञापन पर डॉ. आशुतोष पांडेय, तारकेश्वर चौबे, डीके यादव, हरिशंकर आदि के हस्ताक्षर हैं।

उधर, लंबित समस्याओं का निस्तारण न होने से विश्वविद्यालय परिषद ने राजेश कुमार पांडेय व अनूप सिंह के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया। निशाने पर शिक्षक संघ भी रहा। निंदा प्रस्ताव पारित कर संघ अध्यक्ष का परिसर में प्रवेश रोकने, संघ भवन पर ताला लगवाने, सेवानिवृत्त कर्मी अरुण प्रताप सिंह के पेंशन आदि समस्त देयकों का भुगतान किए जाने की मांग की है। भुगतान न होने पर 22 सितंबर से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है।

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