बरेली: व्यवस्था फेल, स्टांप ड्यूटी में हो रहा खेल, जानें पूरा मामला

अनुपम सिंह/बरेली, अमृत विचार। जिले में जमीन की खरीद-फरोख्त के मामलों में बड़ा खेल खेला जा रहा है। रजिस्ट्री की पारदर्शी व्यवस्था के बाद भी बेखौफ होकर स्टांप चोरी की जा रही है। कहीं राजस्व ग्राम का स्टांप लगाकर आवासीय कालोनी की जमीन का बैनाम कराया जा रहा है तो कहीं कम स्टांप दिखाकर तीन …

अनुपम सिंह/बरेली, अमृत विचार। जिले में जमीन की खरीद-फरोख्त के मामलों में बड़ा खेल खेला जा रहा है। रजिस्ट्री की पारदर्शी व्यवस्था के बाद भी बेखौफ होकर स्टांप चोरी की जा रही है। कहीं राजस्व ग्राम का स्टांप लगाकर आवासीय कालोनी की जमीन का बैनाम कराया जा रहा है तो कहीं कम स्टांप दिखाकर तीन से चार गुना कीमती जमीन खरीदी जा रही है।

जांच में चौंकाने वाला खुलासा होने के बाद जमीन की रजिस्ट्रियां कराने वाले खरीदारों पर अगस्त माह में 24 मामलों में करीब 49 लाख से अधिक का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई एडीएम वित्त एवं राजस्व की कोर्ट से की गई है। जबकि सहायक आयुक्त स्टांप की ओर से अगस्त में 14 मामलों में 5 लाख से अधिक का जुर्माना वसूला गया है। कई और मामले अभी लंबित चल रहे हैं, जिसमें स्टांप चोरी पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

जांच में चोरी पकड़ में आने के बाद भी प्रॉपर्टी की खरीदारी करने वाले इस खेल से बाज नहीं आ रहे हैं। खासकर इस खेल में बिल्डर माहिर होते हैं। जानकारों के अनुसार, अधिकतर मामले बिल्डरों से ही जुड़े हैं। उनके इस खेल की वजह से रजिस्ट्री की पारदर्शी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

ऐसे पकड़ में आता है खेल
खेत, मकान आदि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के बाद खरीदी गई जमीन का स्थलीय सत्यापन होता है, जिसमें जांचा जाता है कि प्रॉपर्टी की लागत के अनुसार उतनी ही कीमत का स्टांप पेपर लगा है या नहीं, जांच में अगर कम स्टांप ड्यूटी का मामला पाया जाता है ताे जमीन की खरीदारी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

इनकम टैक्स से बचने को भी खेल
सूत्रों के अनुसार जमीन की खरीद-फरोख्त करने वालों को इनकम टैक्स का भी डर सताता है। उन्हें लगता है कि अगर सबकुछ एक नंबर में करेंगे तो इनकम टैक्स की नजर में आ जाएंगे। जमीन की लागत के अनुसार, उसका भी टैक्स भरना होगा। यही वजह है कि जमीन की असली मालियत को छिपाते हैं।

जिम्मेदारों की भूमिका भी सवालों के घेरे में
यह चंद केस तो महज एक बानगी भर हैं, जबकि रजिस्ट्री कराने में हर माह बड़े खेल हो रहे हैं। जमीन की सही मालियत न दिखाकर कम स्टांप लगाकर बैनामे कराए जा रहे हैं। ऐसा करके राजस्व को चूना लगाया जा रहा है, इसमें कहीं न कहीं रजिस्ट्री की प्रक्रिया से जुड़े जिम्मेदारों की भी भूमिका भी सवालों के घेर में आ जाती है।

केस-1
104 वर्गमीटर जमीन थी, जिसमें 97 वर्गमीटर में निर्माण किया गया था। खरीदार ने जमीन खरीदी, लेकिन 41.83 वर्गमीटर का स्टांप पेपर बनवाया था, जबकि जमीन 97 वर्ग मीटर खरीदी थी। इस हिसाब से करीब 56 वर्गमीटर जमीन छिपा ली थी। जांच में मामला पकड़ में आया। इसके बाद लाखों का जुर्माना लगाया गया।

केस-2
बिहार मान नगला में 1672 वर्गमीटर जमीन की बिक्री हुई, इसमें 6 लाख 75 हजार की मालियत जमीन की दिखाई गई स्टांप ड्यूटी में। 47 हजार 250 रुपये का सिर्फ स्टांप खरीदा गया। यहां का सर्किल रेट 7500 रुपये प्रति वर्गमीटर था। इस हिसाब से 10 लाख 49 हजार 680 रुपये की स्टांप में चोरी पाई गई। इस मामले में एडीएम कोर्ट ने 11 लाख 49 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

केस-3
करगैना राजस्व ग्राम है, लेकिन यहां की जमीन आवासीय कालोनी में आ गई है। इसके रेट 24 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर है, जबकि राजस्व ग्राम में जमीन के रेट 7 हजार रुपये प्रति हेक्टयेर है। खरीदार ने राजस्व ग्राम के रेट का स्टांप लेकर आवासीय कालोनी में आई 292.64 वर्ग मीटर जमीन को खरीद लिया था। उसने इसमें एक लाख 70 हजार का स्टांप लगाया था। जांच में मामला पकड़ में आने के बाद 2 लाख 79 हजार रुपये जुर्माने की कार्रवाई की गई।

प्रॉपर्टी के बैनामे के बाद जांच होती है। स्टांप चोरी के मामले पकड़ में आने पर जुर्माने की कार्रवाई की जाती है। अगस्त माह में मेरी कोर्ट से 24 मामलों में 49 लाख से अधिक का जुर्माना किया गया हैसंतोष बहादुर सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व।

एक नजर-

  • 338 मामले जिले में स्टांप चोरी के पहले के थे।
  • 33 मामले स्टांप चोरी के नए शामिल हुए हैं।
  • 371 कुल स्टांप चोरी के मामले जिले में थे।
  • 38 मामलों में जुर्माने की कार्रवाई की गई।
  • 333 मामले अब भी लंबित हैं।
  • 108 स्टांप चोरी के मामले छह माह पुराने हैं।
  • 36 मामले एक साल पुराने हैं।
  • 24 मामले डीएम की कोर्ट में हैं।
  • 153 मामले एडीएम एफआर की कोर्ट में।
  • 10 मामले एडीएम न्यायिक की कोर्ट में।
  • 151 मामले सहायक आयुक्त स्टांप के पास।

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