बिल्किस बानो मामला: राकांपा की महिला कार्यकर्ताओं ने दोषियों की रिहाई के खिलाफ प्रदर्शन किया

ठाणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की ठाणे-पालघर इकाई की महिला कार्यकर्ताओं ने बिल्कीस बानो मामले में गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों को रिहा किए जाने के खिलाफ शनिवार को प्रदर्शन किया। ठाणे में शिवाजी स्क्वायर पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और गुजरात की भाजपा सरकारों के खिलाफ नारेबाजी की। राकांपा की ठाणे-पालघर महिला प्रकोष्ठ …
ठाणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की ठाणे-पालघर इकाई की महिला कार्यकर्ताओं ने बिल्कीस बानो मामले में गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों को रिहा किए जाने के खिलाफ शनिवार को प्रदर्शन किया। ठाणे में शिवाजी स्क्वायर पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और गुजरात की भाजपा सरकारों के खिलाफ नारेबाजी की। राकांपा की ठाणे-पालघर महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रुता अव्हाड ने कहा कि बिल्कीस बानो मामले में दोषियों की रिहाई ऐसे समय में हुई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में महिलाओं को सशक्त बनाने और उनका सम्मान करने की बात कही थी।
गुजरात में गोधरा उपजेल से 15 अगस्त को 11 दोषियों की रिहाई के बाद जघन्य मामलों में इस तरह की राहत के मुद्दे पर देशभर में बहस छिड़ गई है। मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी, 2008 को बिल्कीस बानो से सामूहिक बलात्कार और बिल्कीस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बंबई उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने उनकी सजा बरकरार रखी थी। वर्ष 2002 में गोधरा में एक ट्रेन में आगजनी की घटना के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान बिल्कीन बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था, घटना के समय वह पांच महीने की गर्भवती थीं। मारे गए लोगों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी।
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