मजबूत स्वास्थ्य ढांचा

मजबूत स्वास्थ्य ढांचा

कोविड-19 महामारी से वर्ष 2022 के दौरान दुनिया में अब तक दस लाख लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले चार सप्ताह के दौरान, कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जोकि 35 प्रतिशत रही है। केवल पिछले एक सप्ताह के दौरान ही 15 हजार जिंदगियां खोई जा …

कोविड-19 महामारी से वर्ष 2022 के दौरान दुनिया में अब तक दस लाख लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले चार सप्ताह के दौरान, कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जोकि 35 प्रतिशत रही है। केवल पिछले एक सप्ताह के दौरान ही 15 हजार जिंदगियां खोई जा चुकी हैं। देखा जाए तो दुनिया में यह सब तब हो रहा है जब हम इस महामारी का सामना करने के प्रयासों में ढाई साल गुजार चुके हैं और हमारे पास इन मौतों को रोकने के तमाम आवश्यक उपकरण मौजूद हैं।

देश में भी कोरोना संक्रमण के आंकड़े हर रोज सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को भी कोरोना के मामले फिर से 10 हजार के पार हैं। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दैनिक मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी जारी रखने के निर्देश दिए हैं। कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 211.13 करोड़ से अधिक कोविड-19 वैक्सीन खुराक दी जा चुकी हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम ग़ैबरेयेसस ने गुरूवार को कहा कि इस वायरस को एक सामान्य स्थिति मानकर जीवन जीने के लिए अभी बहुत कुछ सीखने की बात हो रही है। मगर हम एक सप्ताह में 15 हज़ार लोगों की मौतें स्वीकार नहीं कर सकते हैं। ऐसे में ये नहीं कह सकते कि हम कोविड-19 के साथ ही जीना सीख रहे हैं। आज 10 प्रतिशत से कम टीकाकरण की दर वाले केवल 10 देश बचे हैं, जिनमें से अधिकतर मानवीय आपदाओं का सामना कर रहे हैं।

ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी वैक्सीन लगाने का रास्ता निकलना चाहिए। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि मंकीपॉक्स के संक्रमण मामले दुनिया में बढ़ रहे हैं और अभी तक 92 देशों व क्षेत्रों में, 35 हज़ार मामले सामने आ चुके हैं, 12 लोगों की मौत भी हुई है। महामारियों का सिलसिला सदियों से चल रहा है और आगे भी चलता ही रहेगा। भारत भी कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित देशों में से एक रहा है। बचाव के तमाम उपायों, टीकाकरण आदि के बावजूद यह बीमारी कब खत्म होगी, इस बारे में निश्चित रुप से कुछ नहीं कह जा सकता है।

देश में दो टीके लगवाने के बाद अब बूस्टर डोज़ लगाने की मुहिम शुरु हो चुकी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान की यादों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली वाला जो हिस्सा है, उससे सबक लेकर देश में हालात को काफी हद तक सुधारा जा सकता है। अभी कोरोना के खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे और इस बीच मंकीपॉक्स जैसी दूसरी बीमारियों की खबर आनी शुरु हो गई है। इसलिए जरूरी है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था का ढांचा इतना मजबूत हो जो हर नागरिक को इलाज का कवच मुहैया करा सके।

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